काठमांडू (Kathmandu)। नेपाल (Nepal) में हाल ही में पीएम पद की शपथ लेने वाले केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli) आज संसद (Parliament) में विश्वास मत (Vote of confidence) पेश करेंगे। उनके विरुद्ध तीन पार्टियां मतदान करेंगी। इनमें कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी सेंटर (सीपीएन-एमसी), राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड सोशलिस्ट शामिल हैं। हालांकि प्रचंड की पार्टी से नाता तोड़कर ओली ने नेपाली कांग्रेस से हाथ मिलाया है जिसके साथ वह पूर्ण बहुमत में हैं, अतः उनकी जीत तय है।
‘प्रचंड’ की पार्टी से समर्थन वापस लेकर नेपाली कांग्रेस से मिलाया हाथ
पिछले सप्ताह नेपाल के पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-माओवादी सेंटर से ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल-यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) ने समर्थन वापस ले लिया था। इसके बाद ओली ने नेपाली संसद में सबसे बड़ी पार्टी नेपाली कांग्रेस से हाथ मिला लिया। इसके चलते प्रचंड संसद में विश्वास मत हार गए थे। इसके बाद कम्युनिस्ट नेता केपी शर्मा ओली ने सोमवार को चौथी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। रविवार को उनको भी संसद में विश्वास मत हासिल करना है।
सुप्रीम कोर्ट में भी होगी सुनवाई
एक ओर रविवार को जहां ओली संसद में शक्ति परीक्षण करा रहे होंगे तो दूसरी ओर उनकी नियुक्ति को लेकर दायर की गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट में डाली गई याचिका में ओली की नियुक्ति को असंवैधानिक बताते हुए रद्द करने की मांग की गई थी। वहीं मामले में तीन अधिवक्ताओं ने रिट दायर कर कहा था कि अगर गठित सरकार शक्ति परीक्षण में विफल रहती है तो राष्ट्रपति को नई सरकार के गठन के लिए दूसरे गठबंधन को बुलाना चाहिए। मामले में कोर्ट 21 जुलाई को सुनवाई करेगी।
ओली के विश्वास मत जीतने की संभावना
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली रविवार को संसद में विश्वास मत जीत सकते हैं। बीते सोमवार को उन्होंने 21 मंत्रिमंडल सदस्यों के साथ प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी। नेपाल संविधान के मुताबिक ओली को प्रधानमंत्री बनने के 30 दिन में संसद में विश्वास मत हासिल करना है। जिसे वह आसानी से हासिल कर लेंगे। 275 सदस्यों वाली नेपाल की संसद में सरकार बनाने के लिए 138 सदस्यों का बहुमत चाहिए। नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के पास 167 सदस्य हैं। इसके अलावा दो अन्य दलों का भी समर्थन प्राप्त है। जिनके पास 11 सीटें हैं। वहीं गठबंधन को राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी (आरपीपी), जनता समाजवादी पार्टी नेपाल (जेएसपी), नागरिक उन्मुक्ति पार्टी (एनयूपी) और जनमत पार्टी, जिनके पास 29 सीटें का भी समर्थन मिलने की संभावना है। इससे साफ है कि ओली को 200 से ज्यादा विश्वास मत मिलेंगे।
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