जबलपुर। जबलपुर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव (Regional Industry Conclave organized in Jabalpur) के दौरान सत्कार क्षेत्र में बड़ी निवेश घोषणाएं हुई हैं। ताज ग्रुप ने इंदौर और ग्वालियर में होटल खोलने की घोषणा (Taj Group announced to open hotels in Indore and Gwalior) की है। इंदौर में ग्रुप ताज और विवांता होटल खोलेगी। ग्वालियर में भी विवांता होटल खुलने वाला है। इसके साथ-साथ मध्य प्रदेश पर्यटन विकास निगम पीपीपी के तहत मध्य प्रदेश के कुछ होटलों का संचालन करेगा। हेरिटेज होटल के लिए जल्द ही पन्ना टाइगर रिजर्व के पास लक्ष्मीपुर पैलेस, मांडू के पास मलकाम कोठी, भोपाल (Bhopal) में जगदीशपुर का गोंड महल और टीकमगढ़ में मोहनगढ़ का किले के लिए टेंडर बुलाए जाएंगे। इसके साथ ही होटल लेक व्यू भोपाल, टेंट सिटी, कारवां टूरिज्म, पंचमढ़ी और भोपाल में गोल्फ कोर्स का संचालन, रोपवे का संचालन पीपीपी मोड पर होगा।
पर्यटन और संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेंद्र सिंह लोधी ने सेक्टोरल सेशन में कहा कि पिछले साल 11 करोड़ से अधिक पर्यटक मध्य प्रदेश आए हैं। उज्जैन के महाकाल लोक में पांच करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे हैं। प्रदेश में श्री राम पथ गमन निर्माण के लिए चित्रकूट सहित भगवान श्री राम के वन गमन से संबंधित 23 स्थानों को चिह्नित कर पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रदेश में 12 राष्ट्रीय उद्यान, 25 अभयारण्य, सात टाइगर रिजर्व, 14 यूनेस्को विश्व विरासत स्थल (11 टेंटेटिव और तीन परमानेंट साइट) और दो ज्योतिर्लिंग का होना प्रदेश को प्राकृतिक, सांस्कृतिक एवं ऐतिहासिक रूप से समृद्ध बनाता है।
जबलपुर में आयोजित रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में ताज ग्रुप ऑफ होटल्स के विशाल शर्मा ने कहा कि पिछले दो महीने में वह प्रदेश के 40 प्रतिशत से अधिक पर्यटन स्थलों पर भ्रमण कर चुके हैं। यह उनके जीवन का अविस्मरणीय पल बन चुका है। प्रदेश की सुंदरता और पर्यटन गतिविधियों से प्रभावित होकर ताज ग्रुप ने ग्वालियर में विवांता और इंदौर में ताज और विवांता के होटल खोलने का निर्णय लिया है। आने वाले समय में प्रदेश के अन्य स्थलों पर भी होटल खोले जाएंगे।
पर्यटन विभाग के प्रमुख सचिव शिवशेखर शुक्ला ने मध्य प्रदेश पर्यटन नीति 2019 की विशेषताओं के बारे में बात की। उन्होंने बताया कि निवेशकों की सुविधा के लिए अलग से विंग बनाया गया है। ई-टेंडरिंग की पारदर्शी प्रक्रिया से भूमि का आवंटन किया जाता है। 100 करोड़ से अधिक निवेश करने वाले अल्ट्रा मेगा प्रोजेक्ट्स को सरकारी भूमि का सीधे आवंटन किया जाता है। पर्यटन नीति में होटल, रिजॉर्ट, कैंपिंग साइट, हेरिटेज होटल, क्रूस टूरिज्म, फिल्म स्टूडियो, कारवां टूरिज्म सहित 18 प्रोजेक्ट्स को शामिल किए गए हैं।
शुक्ला ने बताया कि प्रदेश में फिल्मांकन को प्रोत्साहित करने और फिल्म क्षेत्र में अधोसंरचना को बढ़ावा देने के लिए फिल्म पर्यटन नीति से विशेष प्रयास किए हैं। फीचर फिल्म पर दो करोड़ रुपये तक, वेब सीरीज और टीवी सीरीयल पर एक करोड़ रुपये तक, मध्य प्रदेश पर निर्मित डॉक्यूमेंट्री पर 40 लाख रुपये तक, सिनेमा हॉल बनाने पर एक करोड़ रुपये तक, फिल्म संबंधित अधोसंरचना के विकास के लिए 90 करोड़ रुपये तक का वित्तीय प्रोत्साहन दिया जा रहा है।
एलिप्सिस एंटरटेनमेंट के प्रोड्यूसर और मैनेजिंग पार्टनर तनुज गर्ग ने कहा कि मैं तो फिल्म निर्माण के लिए मध्यप्रदेश आया था और यहीं का होकर रह गया। मध्य प्रदेश फिल्मांकन के लिए सर्वाधिक अनुकूल राज्य है। यहां प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल अनायास की फिल्मकारों को आकर्षित करते हैं। तथास्तु ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर अनिल अग्रवाल और विजन महल के डायरेक्टर संदीप विजन ने शासन की नीतियों को सराहा। पेंच जंगल कैंप के मैनेजिंग डायरेक्टर गजेन्द्र सिंह राठौर ने कहा कि प्रदेश में क्रूज टूरिज्म, हॉट एयर बैलूनिंग, वाटर एडवेंचर एक्टिविटीज पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
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