इंदौर। इस बार की बाणेश्वरी कावड़ यात्रा देवी अहिल्या माता के 300वें जन्म जयंती वर्ष को समर्पित रहेगी। महेश्वर स्थित देवी अहिल्या प्रतिमा से माल्यार्पण के बाद सोमवार से यात्रा का शुभारंभ होगा। कल सभी कावड़ यात्री बसों से इंदौर से रवाना होंगे। यह यात्रा 26 जुलाई को इंदौर में नगर भ्रमण करते हुए राजबाड़ा से उज्जैन की ओर जाएगी। यात्रा मार्ग पर पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुए पौधारोपण भी किया जाएगा। यात्रा के दौरान विधायक गोलू शुक्ला द्वारा 11 हजार पेड़ लगाने का संकल्प भी लिया गया है। ये पेड़ यात्रा मार्ग पर लगाए जाएंगे, जिसको संभालने की जवाबदारी भी संस्था द्वारा ली जाएगी। मालवांचल की सबसे बड़ी इस कावड़ यात्रा में इस बार मुख्यमंत्री मोहन यादव, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित कई मंत्री और विधायक भी शामिल होंगे। विधायक शुक्ला ने बताया कि कल सुबह सभी कावड़ यात्रा मरीमाता चौराहा से बसों से रवाना होंगे और महेश्वर पहुंचेंगे।
रात्रि विश्राम के बाद सभी सोमवार को मां नर्मदा का दुग्धाभिषेक करेंगे और चुनरी ओढ़ाएंगे। इसके बाद किला परिसर में स्थित देवी अहिल्या प्रतिमा पर माल्यार्पण होगा और वहां से यात्रा इंदौर होकर उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर की ओर प्रस्थान करेगी। यह यात्रा 29 जुलाई को महाकालेश्वर का अभिषेक करेगी। यात्रा में तीन झांकियां भी सम्मिलित की गई हैं। एक झांकी में भगवान भोलेनाथ की 21 फीट ऊंची प्रतिमा रहेगी और उनका जल अभिषेक मछलियों द्वारा किया जाएगा। इसके साथ ही भूत-पिशाच और राक्षसों द्वारा भगवान भोलेनाथ के अभिषेक की झांकियां शामिल रहेंगी। इन झांकियों को स्थानीय कलाकारों ने बनाया है। प्रत्येक रात्रि विश्राम वाले स्थल पर रात्रि में भजन गायक श्रीधर झरकर एवं गन्नू महाराज की टीम द्वारा भजन संध्या तथा सुबह कावड़ यात्रा प्रारंभ होने के पहले कन्या पूजन के आयोजन होंगे। 26 जुलाई को यह यात्रा इंदौर में नगर भ्रमण करेगी। 180 किलोमीटर की यह यात्रा 23 जुलाई को गुजरी से मानपुर, 24 को मानपुर से महू, 25 को महू से इंदौर, 27 को रेवती रेंज से पंथपिपलई, 28 को पंथपिपलई से उज्जैन पहुंचेगी और रात्रि विश्राम के बाद दूसरे दिन सुबह से जलाभिषेक का कार्यक्रम होगा।
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