• img-fluid

    कोर्ट के फैसले के बाद देश भर में कर्फ्यू, आखिर बांग्‍लादेश में क्‍यों उग्र हुआ आंदोलन? जानें

  • July 20, 2024

    ढाका (Dhaka)। बांग्लादेश में आरक्षण (Reservation in Bangladesh)के खिलाफ विरोध उग्र(Protests fierce) हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने जेल (Protesters jailed)पर धावा बोला और सरकारी इमारत (Government building)में आग लगा दी। अब तक 100 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की खबर है। देश के 64 जिलों में से लगभग आधे में आगजनी से जुड़ी दर्जनों घटनाएं हुईं। प्रधानमंत्री शेख हसीना के कार्यालय ने शुक्रवार को देर रात देश भर में कर्फ्यू लगा दिया। कई दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शनों के बाद व्यवस्था बनाए रखने के लिए सैन्य बलों को तैनात कर दिया।

    बांग्लादेश में विरोध प्रदर्शन 5 जून को बांग्लादेश हाईकोर्ट के उस फैसले के बाद शुरू हुआ जिसमें सरकारी नौकरियों में स्वतंत्रता सेनानियों और उनके वंशजों के लिए 30 प्रतिशत कोटा बहाल कर दिया गया। बांग्लादेश में इस कोटा प्रणाली को छात्रों और शिक्षकों के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर आंदोलन के बाद 2018 में निरस्त कर दिया गया था।


    किन्हें मिलता है आरक्षण

    बांग्लादेश में 1971 में पाकिस्तान से देश की आजादी के लिए लड़ने वाले युद्ध नायकों के रिश्तेदारों के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कुछ नौकरियों में 30 h#lfMl आरक्षण का प्रावधान है। प्रदर्शनकारियों का तर्क है कि यह प्रणाली भेदभावपूर्ण है और प्रधानमंत्री शेख हसीना के समर्थकों को लाभ पहुंचा रही है, जिनकी अवामी लीग पार्टी ने मुक्ति आंदोलन का नेतृत्व किया था। वहीं, शेख हसीना ने आरक्षण प्रणाली का बचाव किया है।

    बांग्लादेश में कोई कोटा नहीं

    नौकरियों में इसी 30% आरक्षण के खिलाफ छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। वे सवाल कर रहे हैं कि स्वतंत्रता सेनानियों की तीसरी पीढ़ी को लाभ क्यों दिया जाना चाहिए। वे पूरी तरह से योग्यता आधारित भर्ती की मांग कर रहे हैं। पिछले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट द्वारा हाई कोर्ट के आदेश को निलंबित करने के बाद बांग्लादेश में फिलहाल कोई कोटा नहीं है। शेख हसीना सरकार ने 2018 में छात्रों के बड़े पैमाने पर आंदोलन के बाद नौकरियों में सभी आरक्षण को खत्म कर दिया था। 2018 से कोई कोटा नहीं था।

    याचिकाकर्ताओं का एक समूह 2021 में हाई कोर्ट गया और सिविल सेवाओं में स्वतंत्रता सेनानियों के लिए 30% आरक्षण को वापस पाने के लिए मुकदमा लड़ा। तीन साल तक इस मुद्दे पर सुनवाई करने के बाद हाई कोर्ट ने 1 जुलाई को 30% कोटा बहाल कर दिया।

    हाईकोर्ट के फैसले के तुरंत बाद अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। 16 जुलाई को एक याचिका दायर की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने पिछले हफ्ते हाई कोर्ट के आदेश को चार हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया था। मुख्य न्यायाधीश ने प्रदर्शनकारी छात्रों से कक्षाओं में लौटने को कहा और कहा कि न्यायालय चार सप्ताह में निर्णय जारी करेगा।

    Share:

    राजभवन की स्टाफ के साथ यौन उत्पीड़न के आरोप ममता की देन, राज्यपाल सीवी बोस का आरोप

    Sat Jul 20 , 2024
    नई दिल्‍ली(New Delhi) । पश्चिम बंगाल (West Bengal)के राज्यपाल सीवी बोस(Governor CV Bose) ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी(Chief Minister Mamata Banerjee) पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राजभवन की स्टाफर(Rajbhawan Staffer) के साथ यौन उत्पीड़न के जो आरोप उनके ऊपर लगे हैं, इसके पीछे ममता बनर्जी की भूमिका है। राजभवन कोलकाता के एक्स […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    शुक्रवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved