प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने गुरुवार को भारतीय जनता पार्टी (BJP) के मुख्यालय में पार्टी कार्यकर्ताओं (Party workers) से मुलाकात की और चुनाव (Election) के दौरान उनके प्रयासों और कार्यों की सराहना की। प्रधानमंत्री मोदी ने इसके साथ ही लगातार तीसरी बार सत्ता में आने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहित भी किया। सूत्रों ने बताया कि मोदी ने पार्टी कार्यकर्ताओं के काम की सराहना की और बीते दशकों में पार्टी की सफल यात्रा के बारे में बात की। संबोधन के बाद पीएम मोदी ने पार्टी के उन कार्यकर्ताओं से भी मुलाकात की, जो चुनाव के काम में दिन-रात जुटे थे। इसमें चपरासी से लेकर क्लर्क समेत कई कर्मचारी शामिल थे। ये लोग लंबे समय से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।
2. मोदी 3.0 सरकार के पहले बजट में बुजुर्गों को मिल सकती है सौगात, हेल्थ बजट में बढ़ोत्तरी की उम्मीद
मोदी 3.0 सरकार (Modi 3.0 Government) के पहले बजट (Budget) में बुजुर्गों (Elders) को सौगात मिल सकती है। सूत्रों का दावा है कि पहले बजट में ही चुनावी वायदे को पूरा करने की तैयारी है, जिसमें 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गो को आयुष्मान भारत योजना (Ayushman Bharat Scheme) के तहत लाकर पांच लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) का कवरेज दिया जाएगा। इससे करीब चार करोड़ लोगों को फायदा मिलेगा। सूत्रों की मानें तो इस बार हेल्थ बजट में खासी बढ़ोत्तरी होने की उम्मीद है तथा यह एक लाख करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर सकता है। फरवरी में पेश हुए अंतरिम बजट में इस मद में 90 हजार करोड़ का आवंटन किया गया था, जो कुल बजट का तकरीबन दो फीसदी के करीब होता है।
कैप्टन अंशुमान सिंह (Captain Anshuman Singh) के शहीद होने के बाद NOK (Next TO Kin) को लेकर एक विवाद खड़ा हो गया है. NOK के तहत जवान के शहीद हो जाने पर अगर उनकी शादी नहीं हुई है तो सरकार की तरफ से दी गई राशि पर माता-पिता का हक होता है, लेकिन जब जवान की शादी हो जाती है तो यह सारी राशि उन की पत्नी को दी जाती है. जिसके बाद अब शहीद अंशुमान के माता-पिता NOK में बदलाव की मांग कर रहे हैं, उन का कहना है कि कैप्टन अंशुमान को जो कीर्ति चक्र मिला था वो भी उन की पत्नी स्मृति सिंह अपने साथ लेकर चली गई है और राशि भी उन्हीं को दी जाएगी तो फिर माता-पिता के पास शहीद बेटे की क्या निशानी बची. जिसके बाद मध्यप्रदेश के सीएम ने NOK पर बड़ी बात कह दी है.
4. अजित पवार की NCP को तगड़ा झटका, एकसाथ 25 नेताओं का पार्टी से पलायन
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (maharashtra assembly election)से पहले ही उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar)का सियासी कुनबा घटता(Political family is decreasing) नजर आ रहा है। खबर है कि बुधवार को 25 से ज्यादा पदाधिकारियों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी NCP को अलविदा कह दिया। ये सभी नेता पिंपरी-चिंचवाड़ के हैं, जिनमें इकाई प्रमुख अजित गव्हाणे का नाम भी शामिल है। अटकलें थीं कि वह पाला बदलकर शरद पवार गुट में शामिल हो सकते हैं। पिंपरी चिंचवाड़ में पार्टी बदलने वालों में 2 पूर्व मेयर, नेता विपक्ष और 20 पूर्व पार्षद शामिल हैं। इन सभी ने सीनियर पवार की पार्टी का दामन थामा। यहां के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल भोसले ने भी गव्हाणे के साथ मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था। जानकारों का कहना है कि गढ़ होने के चलते पिंपरी चिंचवाड़ में इस तरह की सियासी उथल-पुथल अजित पवार को प्रभावित कर सकती है।
5. NEET: फ़ॉर्म भरवाने से आए 400 करोड़, परीक्षा में खर्चों के बाद NTA ने कर ली 100 करोड़ की कमाई
नीट यूजी (NEET UG) परीक्षा रद्द (Exam cancelled) होगी या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में 18 जुलाई को भी फैसला नहीं हो पाया है. हालांकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने NTA से पूछा कि आखिर NEET परीक्षा में फ़ॉर्म भरवाने से कितना पैसा आया, तो जवाब मिला 400 करोड़ रुपए. जिसमें दावा किया गया कि NEET परीक्षा कराने में 300 करोड़ रुपए खर्च भी हो गए. इसका मतलब ये कि नीट परीक्षा कराने में ही NTA को यानी सरकार को 100 करोड़ रुपए का लाभ हुआ है, ऐसे में सवाल ये है कि परीक्षा से 100 करोड़ का फायदा पाने वाली एजेंसी NTA इस परीक्षा को बिना पेपरलीक के नहीं करा पाई। हालांकि सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस की बेंच ने ऐसी छन्नी लगा दी है, जिससे छनकर आने वाले जवाब NEET परीक्षा की पवित्रता में मिलावट को लेकर दूध का दूध और पानी का पानी कर देंगे. ऐसे में सवाल ये भी है कि क्या नीट परीक्षा में इस बार बड़े स्तर पर पेपरलीक हुआ था? इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में 22 जुलाई को सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने नीट पेपर लीक और रिजल्ट धांधली की तह तक जाने वाले कई सवालों का जवाब शनिवार तक मांगा है।
6. विपक्ष के विरोध के बावजूद दुकानों पर नाम, पहचान लिखना अनिवार्य सीएम योगी ने जारी किया फरमान
22 जुलाई से सावन (saavan) का पावन महीना शुरू हो रहा है. सावन के पहले दिन से कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) शुरू हो जाएगी. कावंड यात्री हरिद्वार (Haridwar) के लिए निकल पड़ेंगे, लेकिन यात्रा से पहले यूपी पुलिस (UP Police) के एक आदेश से विवाद गरमा गया है. योगी सरकार ने कांवड़ रूट के दुकानों-ठेले वालों के लिए एक आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि सभी दुकानों, ठेलों पर अपना नाम लिखें जिससे कांवड़ यात्री जान सके कि वो किस दुकान से सामान खरीद रहे हैं. तमाम विवादों के बीच सीएम योगी ने कांवड़ यात्रियों के लिए कदम उठाए हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय ने कहा है कि पूरे उत्तर प्रदेश में कांवड़ मार्गों पर खाने पीने की दुकानों पर ‘ नेमप्लेट’ लगानी होगी और दुकानों पर संचालक मालिक का नाम और पहचान होगा लिखना. सीएमओ के मुताबिक, कांवड़ यात्रियों की आस्था की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया गया है और हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचनेवालों पर भी कार्रवाई होगी.
7. CM योगी के फैसले के समर्थन में उतरा ऑल इंडिया मुस्लिम जमात, देवबंद बोला दूरियां बढ़ेंगी
कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के दौरान उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड (Uttar Pradesh and Uttarakhand) के कांवड़ यात्रा रूट वाले जिलों में खाने-पीने और फल की दुकानों पर दुकानदारों (Shopkeepers) से अपने नाम का बोर्ड टांगने के लिए कहा गया है. एक तरफ कई सियासी दल इस फैसले का विरोध कर रहे हैं तो वहीं, इस्लामिक संगठन ऑल इंडिया मुस्लिम जमात (All India Muslim Jamaat) ने इस फैसले का समर्थन किया है. ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा है कि कांवड़ यात्रा के मार्ग पर ढाबा संचालकों, फल विक्रेताओं और अन्य स्टॉल मालिकों के लिए सहारनपुर पुलिस ने जो एडवाइजरी जारी कि है उस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए. मौलाना ने कहा है कि पुलिस की एडवाइजरी कानून व्यवस्था के लिए है, क्योंकि यह एक धार्मिक यात्रा है और पुलिस ने यह व्यवस्था इसलिए लागू की है ताकि इसमें हिंदू-मुस्लिम विवाद न हो.
8. असम में बाढ़ से घर-सड़क-पुल सबकुछ तबाह! 113 लोगों की मौत, 13 हजार हुए विस्थापित
असम में बाढ़ (Assam Flood) की स्थिति में अब सुधार के संकेत तो दिख रहे हैं लेकिन अब तक की स्थिति में लगभग 2.72 लाख आबादी प्रभावित (2.72 lakh population affected) है. वहीं, गुरुवार को बाढ़ प्रभावित जिलों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है और हर जगह जलमग्न (submerged)की स्थिति देखने को मिल रही है. ताजा रिपोर्ट के अनुसार, ब्रह्मपुत्र सहित दो प्रमुख नदियां अभी भी दो स्थानों पर खतरे के स्तर से ऊपर बह रही हैं. असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) बुलेटिन में कहा गया है कि वर्तमान में 31 राजस्व क्षेत्रों और 13 जिलों के 695 गांवों में प्रभावित आबादी की संख्या 2,72,037 है. बाढ़ प्रभावित जिले में कामरूप, मोरीगांव, डिब्रूगढ़, गोलाघाट, गोलपारा, शिवसागर, कछार, धुबरी, करीमगंज, नलबाड़ी, नागांव, धेमाजी और कामरूप मेट्रोपॉलिटन हैं. बुधवार को 11 जिलों में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या 355,000 थी.
9. लखनऊ एयरपोर्ट पर फंसे शिवराज, Microsoft में तकनीकी खराबी पर भारत सरकार ने जारी की एडवाइजरी
माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर डाउन (microsoft server is down) होने से दुनियाभर के अलग-अलग देशों में आईटी सेक्टर में संकट छाया गया है. वहीं भारत सरकार (Indian government) ने आईटी सेक्टर पर संकट को लेकर एडवाइजरी जारी (Advisory issued regarding crisis on IT sector) की है. आईटी संकट को लेकर आईटी मंत्रालय के अधिकारियों ने डीजीसीए से बात की है. माइक्रोसॉफ्ट का सर्वर डाउन होने से बैकिंग सेक्टर के अलावा एयर सेवा पर भी असर पड़ा है. आईटी मंत्रालय ने लोगों को एडवाइजरी जारी की है. सरकार ने कहा कि अभी ये साफ नहीं है कि ये तकनीकी खराबी है या साइबर अटैक है. कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान आज एक कार्यक्रम में शामिल होने लखनऊ आये थे. लखनऊ एयरपोर्ट से इण्डिगों की उडान संख्या 6ई6008 जो कि 13ः37 बजे उडान भरती है जिसमें शिवराज सिंह भी सवार थे बोर्डिंग कराने के बाद विमान करीब 1 घण्टे से अधिक समय तक टैक्सी वे पर खडा रहा इस दौरान विमान विलम्ब होने पर शिवराज सिंह चौहान यात्रियों से हाल चाल लेते नजर आये यह विमान करीब 15ः27 मिनट पर दिल्ली के लिए उडान भर सकी.
10. अब मैं संगठन में काम करूंगी…UP की राज्य मंत्री सोनम किन्नर ने दिया इस्तीफा
उत्तर प्रदेश में सियासी तूफान (Political storm in Uttar Pradesh) थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. शुक्रवार को राज्य मंत्री (दर्जा प्राप्त) सोनम किन्नर (sonam kinnar) ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हालांकि, सरकार की तरफ से अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं हुआ है. सोनम किन्नर राज्यपाल से मिलने पहुंचीं (Sonam Kinnar arrived to meet the Governor) थीं. तब से ये अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह अपना इस्तीफा दे सकती हैं. सपा छोड़कर सोनम बीजेपी में आईं थीं. सोनम किन्नर ने कहा कि लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी कोई नहीं ले रहा था, तो उसकी जिम्मेदारी मैं लेती हूं. उन्होंने कहा कि अब मैं संगठन में कार्य करूंगी, सरकार में नहीं. संगठन सरकार से बड़ा है. उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार में बैठे अधिकारी कार्यकर्ताओं की नहीं सुनते हैं. आपको बता दें कि सोनम किन्नर हमेशा से ही अफसरशाही के खिलाफ मुखर रही हैं. मालूम हो कि सोनम किन्नर शुरू से ही योगी सरकार की बुलडोजर कार्रवाई के खिलाफ भी आवाज उठाती रही हैं.
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