डेस्क: असम (Assam) के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने मुस्लिम आबादी पर बड़ा दावा किया है. सूत्रों के मुताबिक, सरमा ने शुक्रवार (19 जुलाई, 2024) को दावा किया कि उनके राज्य में मुस्लिम आबादी हर 10 साल में लगभग 30 प्रतिशत बढ़ रही है और 2041 तक वे बहुसंख्यक हो जाएंगे. मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा, ‘आंकड़ों के अनुसार असम में मुस्लिम आबादी (Muslim Population) 40 प्रतिशत है और 2041 तक असम मुस्लिम बहुल राज्य बन जाएगा. यह एक वास्तविकता है और इसे कोई नहीं रोक सकता.’
मुख्यमंत्री ने कहा, ”हिंदू समुदाय की आबादी हर 10 साल में करीब 16 प्रतिशत बढ़ रही है. सरमा ने कहा कि उनकी सरकार ने मुस्लिम समुदाय की जनसंख्या वृद्धि को कम करने के लिए कदम उठाए हैं. उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘मुसलमानों की जनसंख्या वृद्धि को रोकने में कांग्रेस की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है. अगर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) जनसंख्या नियंत्रण के ब्रांड एंबेसडर बन जाते हैं तो इस पर काबू पाया सकता है क्योंकि समुदाय केवल उनकी बात सुनता है.”
असम में विपक्ष ने मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के दावे पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया कि वह राज्य में मुस्लिम आबादी 40 प्रतिशत तक बढ़ने जैसे दावे करके लोगों का ध्यान ‘महत्वपूर्ण समस्याओं’ से भटका रहे हैं. सरमा की टिप्पणी पर असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार वोरा ने कहा कि मुख्यमंत्री अपनी विफलताओं को छिपाने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं. विपक्ष ने इस आंकड़े का स्रोत भी जानना चाहा और कहा कि असम में कोई जनगणना नहीं हुई है.
तृणमूल कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुष्मिता देव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा, ‘झारखंड में असम के सीएम का बयान गलत है. उनके द्वारा दिया गया विवरण गलत है. 1952 में असम में मुस्लिम आबादी 12 प्रतिशत नहीं, बल्कि 25 प्रतिशत थी. असम बांग्लादेश के साथ सीमावर्ती राज्य है, विभाजन के बाद कई लोग यहां आए थे.’ पूर्व लोकसभा सदस्य ने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री को याद दिलाना चाहता हूं कि भारत सरकार को 2021 में जनगणना करानी थी, जो उसने कोरोना के बहाने नहीं की तो यह 40 प्रतिशत का आंकड़ा कहां से आया?’
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