मुंबई (Mumbai)। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (maharashtra assembly election)से पहले ही उपमुख्यमंत्री अजित पवार (Deputy Chief Minister Ajit Pawar)का सियासी कुनबा घटता(Political family is decreasing) नजर आ रहा है। खबर है कि बुधवार को 25 से ज्यादा पदाधिकारियों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी NCP को अलविदा कह दिया। ये सभी नेता पिंपरी-चिंचवाड़ के हैं, जिनमें इकाई प्रमुख अजित गव्हाणे का नाम भी शामिल है। अटकलें थीं कि वह पाला बदलकर शरद पवार गुट में शामिल हो सकते हैं।
पिंपरी चिंचवाड़ में पार्टी बदलने वालों में 2 पूर्व मेयर, नेता विपक्ष और 20 पूर्व पार्षद शामिल हैं। इन सभी ने सीनियर पवार की पार्टी का दामन थामा। यहां के कार्यकारी अध्यक्ष राहुल भोसले ने भी गव्हाणे के साथ मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था। जानकारों का कहना है कि गढ़ होने के चलते पिंपरी चिंचवाड़ में इस तरह की सियासी उथल-पुथल अजित पवार को प्रभावित कर सकती है।
बीते साल हुआ एनसीपी में फूट के बाद सीनियर पवार के पास एक पार्षद और 8 पदाधिकारी ही बचे थे। अब उनके पास लगभग पूरी ताकत वापस लौटती नजर आ रही है। खास बात है कि ये ऐसे समय पर हुआ जब, हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में अजित की अगुवाई में एनसीपी खास प्रदर्शन करने में असफल रही थी। बारामती से भी डिप्टी सीएम की पत्नी को हार का सामना करना पड़ा था।
अजित की संभावित वापसी पर क्या बोले शरद पवार
शरद पवार ने बुधवार को कहा कि उनकी पार्टी में किसी भी नेता के संभावित प्रवेश पर निर्णय सामूहिक होगा। हालांकि उन्होंने इस बात की पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि अगर अजित पवार वापस आना चाहते हैं तो उन्हें पार्टी में शामिल किया जाएगा या नहीं। शरद पवार ने पुणे में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान कई मुद्दों पर बात की।
जब पत्रकारों ने विशेष रूप से पूछा कि क्या अजित पवार के लिए राकांपा-एसपी में जगह है, तो शरद पवार ने कहा, “इस तरह के फैसले व्यक्तिगत स्तर पर नहीं लिए जा सकते। संकट के दौरान मेरे साथ खड़े रहे मेरे सहयोगियों से पहले पूछा जाएगा।” अजित पवार जुलाई 2023 में अविभाजित राकांपा से अलग होकर एकनाथ शिंदे नीत राज्य सरकार में शामिल हो गए थे। उन्होंने पार्टी का नाम और चुनाव चिह्न भी हासिल कर लिया था।
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