इस्लामाबाद: पाकिस्तान (Pakistan) कंगाली (poverty) में डूबा हुआ है। शहबाज शरीफ सरकार (Shehbaz Sharif Government) देश को चलाने के लिए चीन, सऊदी अरब से लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के दरवाजे पर खैरात (Khairat0 मांगने पहुंचे रहते हैं। इस कंगाली के दौर में भी पाकिस्तानी बच्चे (children) पैदा करने के मामले में दुनिया में सबसे आगे हैं। पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो से जारी नवीनतम डिजिटल जनसंख्या जनगणना रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने दक्षिण एशियाई क्षेत्र में और विश्व स्तर पर सबसे अधिक जनसंख्या वृद्धि दर्ज की है। देश की आबादी जिस तेजी से बढ़ रही है, इसके 2050 तक दोगुने होने की आशंका बढ़ गई है।
87 लाख अल्पसंख्यक
देश में 21,260,079 अफगान, बंगाली, चीनी और अन्य विदेशी नागरिक रहते हैं, जबकि देश में लगभग 8,700,000 हिंदू, ईसाई, अहमदिया और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक रहते हैं। रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि 5 से 16 वर्ष की आयु के 25,370,700 बच्चे वर्तमान में स्कूल से बाहर हैं। सांख्यिकी ब्यूरो ने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान में साक्षरता दर 2017 के बाद से रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई है, जिसमें कुल साक्षरता 61% है, पुरुषों में 68% और महिलाओं में 53% है।
सबसे ज्यादा विदेशी अफगान
पाकिस्तान सांख्यिकी ब्यूरो की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 तक पाकिस्तान में रहने वाले कुल अफ़गानों की संख्या 1,923,453 है। इनमें से 939,878 खैबर-पख्तूनख्वा में, 310,832 पंजाब में और 145,875 सिंध में रह रहे हैं। इसके अतिरिक्त, बलूचिस्तान में 474,812 अफगान निवासी रहते हैं, जबकि संघीय राजधानी इस्लामाबाद में 52,056 अफगान नागरिक रहते हैं।
चीन के 3.56 लाख नागरिक
चीनी नागरिकों की संख्या 356,800 और बंगाली निवासियों की संख्या 26,900 है, साथ ही अन्य राष्ट्रीयताओं के 172,158 विदेशी भी हैं। ब्यूरो ने कहा कि पाकिस्तान ने इस क्षेत्र में और विश्व स्तर पर सबसे अधिक जनसंख्या वृद्धि दर दर्ज की है, जिससे 2050 तक जनसंख्या के दोगुने होने की आशंका बढ़ गई है।
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