लखनऊ (Lucknow) । यूपी (UP) में भाजपा (BJP) के खराब चुनावी नतीजों पर मंथन का सिलसिला लखनऊ से दिल्ली (Lucknow to Delhi) तक जारी है। सीटें कम होने के साथ ही वाराणसी सीट (Varanasi Seat) पर प्रधानमंत्री (Prime Minister Narendra Modi) की जीत का अंतर घटने के असल कारण खोजे जा रहे हैं। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chowdhary) ने गत दिवस दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इस दौरान चौधरी ने उन सभी बिंदुओं की विस्तार से जानकारी दी, जो हार के कारणों को लेकर पार्टी को पहले सौंपी गई रिपोर्ट में शामिल थे। इसके अलावा मुलाकात में यूपी के आगामी रोडमैप को लेकर भी चर्चा की गई।
भूपेंद्र चौधरी मंगलवार को पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले थे। फिर बुधवार को उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। पीएम और गृहमंत्री से मुलाकात में चौधरी ने यूपी में पार्टी के खराब नतीजों को लेकर पहले सौंपी गई फीडबैक रिपोर्ट के मुद्दों को दोहराया। बता दें कि पार्टी ने प्रदेश की 80 सीटों पर हार और वोट प्रतिशत घटने की रिपोर्ट हजारों कार्यकर्ताओं से बातचीत के आधार पर तैयार कराई थी। इसे भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष को सौंपा गया था। अब पीएम से करीब एक घंटे की मुलाकात में भूपेंद्र चौधरी ने फिर सिलसिलेवार सभी बिंदुओं की जानकारी उन्हें दी। इसी फीडबैक रिपोर्ट को उन्होंने गृहमंत्री को भी बताया ताकि समय रहते खामियों से सबक लेकर आगे बढ़ा जा सके।
रिपोर्ट में शामिल खराब प्रदर्शन के कुछ प्रमुख कारण
-संविधान बदलने पर पार्टी के नेताओं के द्वारा दिए गए बयान। विपक्ष द्वारा फैलाई गई अवधारणा।
-प्रतियोगी परीक्षाओं व सरकारी नौकरियों में पेपर लीक होना।
-जल्दी टिकट वितरण का भी नुकसान हुआ।
-मतदान तक कार्यकर्ताओं के उत्साह बरकरार न रह सका।
-सरकारी कर्मचारियों में पुराने पेंशन का मुद्दा प्रभावी रहा।
-युवाओं के बीच अग्निवीर भी मुद्दा बना।
-ओबीसी की जातियों कुर्मी, मौर्य, शाक्य, कोइरी, लोध आदि जातियों का पार्टी को मिलने वाला वोट घटा।
-बसपा का मत प्रतिशत घटने का भी भाजपा को नुकसान हुआ।
-पार्टी को 2019 की तुलना में दलितों का कम वोट मिला।
-जाटव के साथ ही खटीक और पासी वोट प्रतिशत में भी खासी गिरावट आई।
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