नई दिल्ली (New Delhi)। अर्थव्यवस्था के र्मोचे पर अच्छी खबर है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही (जून-अगस्त) की शुरुआत अर्थव्यवस्था (Beginning economy) में तेजी के साथ हुई है। ग्रामीण क्षेत्र में खर्च बढ़ने (increase expenditure in rural areas) से मांग की स्थिति बेहतर (Demand situation improves) हुई है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) (Reserve Bank of India – RBI) ने गुरुवार को जारी मंथली बुलेटिन (Monthly Bulletin) में यह जानकारी दी है। आरबीआई के मंथली बुलेटिन में ‘अर्थव्यवस्था की स्थिति’ शीर्षक से प्रकाशित एक लेख में कहा गया कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं और उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं (ईएमई) में वैश्विक आर्थिक गतिविधियां मजबूत हो रही हैं। इसके साथ ही वस्तुओं तथा सेवाओं में वैश्विक व्यापार गति पकड़ रहा है। हालांकि, रिजर्व बैंक ने स्पष्ट किया है कि बुलेटिन में व्यक्त विचार लेखकों के हैं, जो आरबीआई के विचारों का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।
आरबीआई के मुताबिक भारत में चालू वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही अर्थव्यवस्था में तेजी के संकेतों के साथ शुरू हुई है। कृषि परिदृश्य तथा ग्रामीण व्यय में सुधार, मांग बढ़ाने में प्रमुख बिंदु साबित हुए हैं। बुलेटिन के मुताबिक लगातार तीन महीनों की नरमी के बाद जून 2024 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर में वृद्धि हुई है। इसकी मुख्य वजह सब्जियों की कीमतों में इजाफा है।
उल्लेखनीय है कि सब्जियों और अन्य खाद्य उत्पादों की कीमतें बढ़ने के कारण जून महीने में खुदरा महंगाई दर बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 5.08 फीसदी के स्तर पर पहुंच गई है। इससे पिछले महीने मई में खुदरा महंगाई दर 4.8 फीसदी रही थी।
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