भोपाल। भोपाल के अशोका गार्डन थाने (Ashoka Garden Police Station, Bhopal) में भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा सुंदरकांड (Sunderkand by BJP workers) कराए जाने पर विवाद बढ़ गया है। दरअसल कांग्रेसी नेताओं द्वारा सारंग के खिलाफ फिर करने की सूचना मिलने के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें जवाब देने के लिए थाने में ही सुंदर कारण भंडारे का आयोजन कर दिया इसके बाद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) प्रदेश कार्यालय पहुंचकर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि थाने में सुंदरकांड का पाठ चल रहा था। मैं 10 साल सीएम रहा। ये कहीं नहीं लिखा कि थाने में सुंदरकांड हो सकता है।
टीआई ने बताया कि ये पुलिस ने आयोजित किया। फिर कहा, नरेश यादव के जन्मदिन पर पुलिस की ओर से पाठ किया गया है। हमारे कार्यकर्ताओं का जन्मदिन भी थानों में मनेगा। बकरा ईद और गुरुनानक जयंती भी मनेगी। उन्होंने कहा कि जहां सुंदरकांड चल रहा था, वहां से जूता फेंका गया। वो एक कॉन्स्टेबल को लगा। मैं सरकारी अधिकारी-कर्मचारियों को चेतावनी देना चाहता हूं, नियम से नहीं चले तो हम चुप नहीं बैठेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यापम से लेकर अब तक हो रहे घोटाले की मानसिकता और तरीका ये ब्रेन किसका है। उस व्यक्ति का है, जो यहां मुख्यमंत्री रहा। अब केंद्र में मंत्री बन गया। ये कहते हैं कि हमको तो खुरचन मिल जाती थी, मलाई ऊपर जाती थी। शिवराज सिंह को डंपर कांड से लेकर अब तक के घोटालों की खुरचन मिली तो मलाई किसने खाई।
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि पुलिस के व्यवहार पर शर्म आती है। पुलिस बीजेपी की कार्यकर्ता बन गई है। प्रशासन संविधान से नहीं बीजेपी के संविधान से चल रहा है। अनुमति लेकर प्रदर्शन करने गए थे। थाने के अंदर बीजेपी के कार्यकर्ताओं को बिठा दिया। इसका मतलब है कि चोर की दाढ़ी में तिनका है। जब तक विश्वास सारंग का इस्तीफा नहीं होगा तब तक कांग्रेस पार्टी सदन से सड़क तक आंदोलन करती रहेगी। जो मंत्री दोषी होगा उसके क्षेत्र में जाकर प्रदर्शन करेंगे। नरेला में शुरुआत की है।
पीसीसी में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने कहा कि मै चार दिन के भीतर सारंग का एक और बड़ा घोटाला सामने लाऊंगा,वे तैयार रहें। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार भ्रष्टाचारियों को बचा रही है। भाजपा की सरकार बजट सत्र में घबरा गई थी। नर्सिंग काउंसिल में रजिस्ट्रार की नियुक्तियां विश्वास सारंग के कार्यकाल में हुई। अपात्र लोगों को रजिस्ट्रार बनाया गया। इस मामले में मंत्री विश्वास सारंग का इस्तीफा होना चाहिए। महिलाओं को आगे कर रहे हैं।
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