इंदौर। एक और तो महापौर शहरभर के लोगों से भूगर्भ जलस्तर कम होने की दुहाई देते हुए जल पुनर्भरण की गुहार लगा रहे हैं, वहीं उनके अपने निगम ने केवल ठेकेदारों से कमीशन के चक्कर में अच्छे भले मजबूत पेवरों से बने मधुमिलन चौराहे का सीमेंटीकरण कर सत्यानाश कर डाला। कल मधुमिलन चौराहे के चक्करघिन्नी हुए यातायात पर चल रहे निर्माण कार्य का निरीक्षण करने पहुंचे महापौर ने जब ट्रैफिक एसीपी से कहा कि वे इस चौराहे का यातायात सुधारने की कोशिश करें तो एसीपी ने भी दो टूक जवाब दे दिया कि जब तक यहां कंस्ट्रक्शन चलेगा, तब तक तो यातायात व्यवस्थित नहीं हो सकता, लेकिन इसके बाद भी यहां मार्किंग करने में भी परेशानी आएगी। यानी यह तय है कि आने वाले समय में वाहन चालकों को परेशानी झेलना होगी।
दरअसल यहां केवल एक रोटरी छोटी की जाना थी और उस रोटरी के बचे हुए हिस्से पर सीमेंटीकरण या पेवर लगाए जााना थे, लेकिन नगर निगम ने इस चौराहे पर लगे मजबूत पेवरों को निकालकर उसका सीमेंटीकरण कर डाला। इस काम में करोड़ों रुपए का खर्च किया गया, जबकि निगम को यह खर्च करने की आवश्यकता ही नहीं थी। बताया जाता है कि ठेकेदारों से मिलने वालेे कमीशन के चक्कर में अधिकारियों ने न केवल निगम के धन की बर्बादी की, बल्कि पेवर लगे होने से चौराहे पर हो रहा जल पुनर्भरण भी सीमेंट की बाधा बनाकर रोक दिया, जबकि हाल ही में महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जल पुनर्भरण का झंडा उठाकर पूरे शहर में भूगर्भ जलस्तर बढ़ाए जाने के प्रयास किए जाने की गुहार लगाई थी, लेकिन उन्होंने खुद अपने ही निगम में एक अच्छे भले जलपुनर्भरण की संभावनाओं को मिटा डाला।
इस क्षेत्र में वैसे भी भूगर्भ जलस्तर 1000 फीट से भी नीचे जा चुका है। ऐसे में यह एक क्षेत्र भूगर्भ जलस्तर बढ़ाने की सौगात बना हुआ था, जिसे निगम ने मिटा डाला। इसके अलावा यहां अव्यवस्थित तरीके से चल रहे निर्माण कार्यों को लेकर रोज हजारों वाहन चालकों को परेशनी का सामना करना पड़ रहा है। यहां से बसें भी गुजरती हैं और सुबह से लेकर शाम तक वाहन चालक आपस में गुत्थमगुत्था होते रहते हैं। कल शाम महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायक गोलू शुक्ला निगम अधिकारियों और ठेकेदार के साथ चौराहे पर पहुंचे और काम का जायजा लिया। दौरे में एमआईसी सदस्य मनीष मामा, क्षेत्रीय पार्षद पंखुड़ी डोसी, पूर्व पार्षद भरत पारख भी मौजूद रहे। महापौर ने वहां मौजूद ट्रैफिक एसीपी हिन्दू सिंह मुवेल से कहा कि जब तक यहां काम पूरा नहीं होता, आप यहां का यातायात तो व्यवस्थित करवाइए, लेकिन उन्होंने जवाब दे दिया कि जब तक यहां कंस्ट्रक्शन चलता रहेगा, तब तक यातायात संभालना मुश्किल है। ऐसे में रोड मार्किंग भी नहीं की जा सकती है।
ट्रैफिक सेल प्रभारी मौन खड़े रहे
कल दौरे के दौरन एमआईसी मेम्बर और ट्रैफिक सेल प्रभारी पार्षद राकेश जैन भी पहुंचे थे, लेकिन वे मौन ही खड़े रहे, जबकि शहर के यातायात को लेकर प्लानिंग करने का काम भी उनके पास है। हालांकि वे इस मामले में कम ही रुचि लेते हैं। पूरे दौरे के दौरान ट्रैफिक की समस्या को लेकर ही बात होती रही, लेकिन जैन ने न तो सुझाव दिया और न ही कोई प्लानिंग करने की बात कही।
स्टॉर्म वाटर के लिए 10 दिन रास्ता बंद
यहां स्टार्म वॉटर लाइन भी डाली जा रही है ,जो ग्वालटोली की ओर जाने वाली सडक़ से गुजरेगी। इसको लेकर ठेेकेदार ने 10 दिन सडक़ को बंद करने की बात कही तो वहां मौजूद व्यापारियों ने कहा कि अगर 10 दिन सडक़ बंद रही तो यहां रोज के खाने-कमाने वाले कहां जाएंगे, जो गाड़ी सुधारने का काम करते हंै। इस पर महापौर कुछ नहीं बोले।
चौराहे पर बनने वाली दीवार के विरोध में उतरे व्यापारी
व्यापारियों ने मधुमिलन स्थित हनुमान मंदिर और डीलक्स होटल के बीच की सडक़ पर दीवार बनाई जाने का विरोध करते हुए कहा कि अभी किबे कंपाउंड की ओर से आने वाले वाहन सीधे चौराहे पर आते हैं। अगर दीवार बन गई तो उन्हें ग्वालटोली चौराहे से गुजरना होगा, वहीं मंदिर में दर्शन करने आने वालों को भी ग्वालटोली चौराहे से वापस पटेल प्रतिमा होते हुए चौराहे पर आना पड़ेगा।
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