नई दिल्ली(New Delhi) । लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections)में बेहतर प्रदर्शन के बाद कांग्रेस (Congress)की नजर चार राज्यों के विधानसभा चुनाव(assembly elections) पर है। हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में चुनाव रणनीति को अंतिम रूप देने के साथ पार्टी दूसरे राज्यों में भी संगठन को मजबूत करने की तैयारी में जुटी है। इसके तहत पार्टी कई प्रदेशों में अध्यक्षों के साथ कार्यकारिणी और जिला स्तर पर संगठन में बदलाव कर सकती है।
कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव में खराब या उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं करने वाले राज्यों में कारणों पर विचार करने के लिए समितियों का भी गठन किया है। इन समितियों की रिपोर्ट के आधार पर संगठन में बदलाव हो सकते हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जिम्मेदारी तय करते हुए बदलाव किए जाएंगे। करीब आधा दर्जन प्रदेश अध्यक्षों के साथ कई प्रभारी भी बदल सकते हैं।
प्रदेश कार्यकारिणी के साथ जिले स्तर पर भी बदलाव तय
लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और हरियाणा सहित कई राज्यों में बेहतर प्रदर्शन किया है। ऐसे में इन प्रदेशों के अध्यक्ष फिलहाल अपने पदों पर बरकरार रह सकते हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि सबसे बड़े बदलाव छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में हो सकते हैं। इन प्रदेशों में पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी के साथ जिला स्तर पर भी बदलाव कर सकती है।
इन राज्यों में प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी बदले जा सकते
तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की भी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। ऐसे में पार्टी जल्द तेलंगाना में नया प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर सकती है। पंजाब के प्रभारी देवेंद्र यादव दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष पद भी संभाल रहे हैं। दिल्ली में अगले साल चुनाव है, ऐसे में उन्हें पंजाब की जिम्मेदारी से मुक्त किया जा सकता है। कई अन्य प्रभारी भी बदले जाएंगे।
राजस्थान के प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा भी पंजाब की राजनीति में सक्रिय होने की इच्छा जता चुके हैं। वह लोकसभा सांसद भी हैं। ऐसे में पार्टी उन्हें जिम्मेदारी से मुक्त कर सकती है। इसके साथ जिन प्रभारियों के पास दो-दो राज्य हैं, उन्हें एक राज्य की जिम्मेदारी से अलग कर सकते हैं।
कांग्रेस कमेटियों के साथ एआईसीसी में कई बदलाव
दीपक बावरिया दिल्ली और हरियाणा तथा अजॉय कुमार उड़ीसा और तमिलनाडु की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके साथ वरिष्ठ नेता गुलाम अहमद मीर भी पश्चिम बंगाल और झारखंड के प्रभारी हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे अपनी टीम में बदलाव करते हुए इन राज्यों की जिम्मेदारी किसी और को सौंप सकते हैं। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि संसद के बजट सत्र के बाद करीब एक दर्जन प्रदेश कांग्रेस कमेटियों के साथ एआईसीसी में कई बदलाव हो सकते हैं।
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