नई दिल्ली (New Delhi)। अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता (senior congress leader)दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh)ने मंगलवार को अपने एक बयान सो लोगों को चौंका(People were shocked) दिया। उन्होंने युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से कहा कि वे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से सीखें कि संदेश को प्रभावी तरीके से कैसे पहुंचाया जाए और संगठन के विस्तार पर ध्यान केंद्रित किया जाए। दिग्विजय सिंह जबलपुर में कथित नर्सिंग कॉलेज घोटाले और नीट पेपर लीक के खिलाफ युवा कांग्रेस द्वारा आयोजित धरना प्रदर्शन को संबोधित कर रहे थे।
उन्होंने ने कहा, “हालांकि हम उनके कट्टर विरोधी हैं, लेकिन आप आरएसएस से सीखें। वे कैसे दिमागी खेल खेलते हैं। वे कभी विरोध नहीं करेंगे। कभी प्रदर्शन नहीं करेंगे। कभी पीटे नहीं जाएंगे और कभी जेल नहीं जाएंगे, बल्कि वे हमें जेल भेज देंगे।” मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जमीनी स्तर पर संगठनात्मक नेटवर्क के अभाव में विरोध प्रदर्शन प्रभावी साबित नहीं होंगे। उन्होंने बूथ से लेकर जिले तक तीन स्तरों पर आंदोलन करने का सुझाव दिया।
दिग्विडय सिंह ने कहा, “आरएसएस आमतौर पर तीन चीजों पर ध्यान केंद्रित करता है। पर्चे बांटना, चर्चा करना और अंत में आंदोलन पर होने वाला खर्च। यदि आप उनसे लड़ना चाहते हैं तो उन्हें उनके ही खेल में हराएं। बेशक शारीरिक रूप से नहीं बल्कि बौद्धिक रूप से।” कांग्रेस नेता ने कहा कि आरएसएस की कार्यप्रणाली और दुष्प्रचार को समझकर उसका प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सकता है।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए दिग्विजय सिंह ने विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी के प्रदर्शन पर निराशा व्यक्त की और कहा कि पार्टी फिलहाल इस हार के कारणों का विश्लेषण कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने दावा किया था कि वह लोकसभा चुनावों में 400 सीटें जीतेगी, लेकिन वह 250 सीटें ही जीत पाई और भाजपा को मिले बहुमत का श्रेय बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को दिया।
उन्होंने नीट पेपर लीक कांड के लिए राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) के अध्यक्ष प्रदीप कुमार जोशी की आलोचना की और सवाल किया कि परीक्षा रद्द क्यों नहीं की गई।
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