उज्जैन।उज्जैन में बंद हो चुके सिनेमा घरों के लिए अच्छी खबर है। मप्र में सिनेमा के उन्नयन और फिल्म देखने के अनुभव को बेहतर बनाने के उद्देश्य से एमपी टूरिज्म बोर्ड द्वारा बनाई गई फिल्म पर्यटन नीति, निवेशकों को सिनेमा में निवेश के लिए प्रोत्साहित कर रही है।
मल्टीप्लेक्स और सिनेमा हॉल निर्माण, नवीनीकरण और उन्नयन के लिये फिल्म पर्यटन फिल्म नीति 2020, अंतर्गत निवेशकों को 75 लाख रुपए तक का अनुदान दिया जा रहा है। सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल की स्थापना के लिए 50 लाख रुपए, मौजूदा सिनेमाघर के उन्नयन के लिए 75 लाख रूपये और मल्टीप्लेक्स की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिये 75 लाख रूपये तक का अनुदान दिया जा रहा है। प्रमुख सचिव (पर्यटन एवं संस्कृति विभाग) और प्रबंध संचालक मध्यप्रदेश टूरिज्म बोर्ड शिव शेखर शुक्ला ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मार्गदर्शन में प्रदेश को फिल्म शूटिंग हब के रूप में स्थापित किया जा रहा है। साथ ही फिल्म से जुड़ी आधारभूत संचरनाएं विकसित किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। मप्र फिल्म पर्यटन नीति प्रदेश में सिनेमा से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर विकसित करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। साथ ही स्थानीय फिल्म उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।
बंद हो चुके सिनेमा घरों को चालू करने 25 लाख
सिंगल स्क्रीन सिनेमा हॉल की स्थापना के लिए न्यूनतम पूंजीगत व्यय 50 लाख पर 15 फीसदी अनुदान दिया जाएगा। प्रति सिनेमा हॉल अनुदान की अधिकतम सीमा 50 लाख रुपये है। दो वर्षों में बंद हो चुके सिनेमा हॉल को फिर से क्रियाशील या उन्नयन के लिए न्यूनतम पूंजीगत व्यय 25 लाख पर 15 फीसदी राशि का अनुदान दिया जाएगा। इस अनुदान की अधिकतम सीमा प्रति सिनेमा हॉल 75 लाख रुपये है। इसके साथ ही मल्टीप्लेक्स की स्थापना को प्रोत्साहित करने के लिये न्यूनतम पूंजीगत व्यय 1 करोड़ रुपए पर 15 फीसदी अनुदान दिया जा रहा है। इस अनुदान की अधिकतम सीमा प्रति सिनेमा हॉल 75 लाख रुपये है।
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