नई दिल्ली: डिफेंस सेक्टर में आत्मनिर्भरता की तरफ भारत ने एक और कदम आगे बढ़ाया है. रक्षा मंत्रालय ने रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (DPSU) के लिए 346 वस्तुओं की पांचवीं सकारात्मक स्वदेशीकरण सूची (Positive Indigenisation List) को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी किया है. रक्षा मंत्रालय की इस लिस्ट को सृजन पोर्टल पर अपलोड किया गया है. इन 346 वस्तुओं में रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण लाइन रिप्लेसमेंट यूनिट/सिस्टम/सब-सिस्टम/असेंबली/सब-असेंबली/स्पेयर, कंपोनेंट और कच्चा माल शामिल है, जिनका इम्पोर्ट सब्सिट्यूटशन वैल्यू करीब 1,048 करोड़ रुपये है.
पिछले तीन वर्षों के आंकड़ों पर नजर डालें तो इस दौरान 12,300 से अधिक वस्तुओं का स्वदेशीकरण किया गया. इसके तहत डीपीएसयू ने घरेलू विक्रेताओं को 7,572 करोड़ रुपये के ऑर्डर दिए. रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (डीपीएसयू) की ओर से आयात को कम करने के लिए ये आइटम रक्षा उत्पादन विभाग (डीडीपी) के बाद भारतीय उद्योग से खरीदे जाएंगे. जैसा कि सृजन पोर्टल (https://srijandefence.gov.in) पर उपलब्ध सूची में दर्शाया गया है.
रक्षा मंत्रालय ने 2020 में सृजन पोर्टल लॉन्च किया था. इस पोर्टल पर, डीपीएसयू और सेवा मुख्यालय (एसएचक्यू) उद्योगों को रक्षा वस्तुओं की पेशकश करते हैं. स्वदेशीकरण के लिए एमएसएमई और स्टार्ट-अप सहित, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के लिए प्रमुख प्रयास से रक्षा वस्तुओं के स्वदेशीकरण में पिछले कुछ साल में उल्लेखनीय नतीजे मिले हैं. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के दृष्टिकोण को साकार करने के प्रयासों को आगे बढ़ाया है.
डीपीएसयू की पांचवीं लिस्ट के तहत जो वस्तुएं शामिल हैं वे शिक्षा जगत और रिसर्च इंस्टिट्यूट और घरेलू रक्षा उद्योग की डिजाइन क्षमताओं में वृद्धि के लिए हैं. इन वस्तुओं के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL), भारत डायनेमिक्स लिमिटेड (BDL), बीईएमएल लिमिटेड, इंडिया ऑप्टेल लिमिटेड (IOL), मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (MDL), गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL), गार्डन रीच शिपबिल्डर्स और इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) और हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) शामिल है.
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