बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने राज्य में हुए एक बड़े घोटाले की बात कबूल की. उन्होंने सोमवार को सदन में स्वीकार किया कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि एसटी विकास निगम में 89.6 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ है. उधर विपक्षी बीजेपी ने निगम में 187 करोड़ रुपये के घोटाले का दावे किया है.
इस घोटाले को लेकर सोमवार को विधानसभा में बीजेपी और कांग्रेस के बीच खूब हंगामा हुआ, जिसके बाद सीएम सिद्धारमैया ने घोटाले की बात कबूल की. दअरसल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आर. अशोक ने सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा कि मेहनती और ईमानदार सरकारी अधिकारी चंद्रशेखरन की जान लेने वाले घोटाले ने इस सरकार के ‘दलित विरोधी’ चेहरे को उजागर कर दिया है, जो खुद को दलितों की हितैषी बताती है.
इस घोटाले के खिलाफ पेश स्थगन प्रस्ताव के दौरान अशोक ने कहा, ‘दो प्रतिशत, तीन प्रतिशत और दस प्रतिशत के घोटाले होते थे, लेकिन वाल्मीकि निगम घोटाला तो सब पर भारी पड़ गया. यह ‘सौ प्रतिशत खटाखट’ घोटाला है.’ उन्होंने आरोप लगाया कि अकाउंट सुप्रीटेंडेंट चंद्रशेखरन को सैर-सपाटे के बहाने गोवा ले जाया गया, जहां उन्हें पीटा गया, उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया और अवैध धन हस्तांतरण को मंजूरी देने के लिए होटल के कमरे में बंधक बनाकर रखा गया जिससे आहत होकर उन्होंने बाद में आत्महत्या कर ली.
सिद्धारमैया ने अशोक को बीच में टोकते हुए निगम में घोटाले के बात तो कबूल की, लेकिन उसे पूर्व एसटी मंत्री बी नागेंद्र को चुनावी फंडिंग धोखाधड़ी से जोड़ने के आरोपों से इनकार किया. उन्होंने कहा, ‘बेल्लारी लोकसभा चुनावों के लिए फंड के बारे में कोई स्वीकारोक्ति नहीं की गई है, जैसा कि भाजपा और अशोक ने दावा किया है.’
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