नई दिल्ली. पाकिस्तान सरकार (Pakistan Government) ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान (former prime minister imran khan) की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पर बैन (ban0 लगाने का ऐलान किया था. अब इस मामले पर अमेरिका (America) ने बयान दिया है.
अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने प्रेस ब्रीफिंग में कहा कि हमारा मानना है कि यह पूरी तरह से जटिल राजनीतिक प्रक्रिया की शुरुआत है लेकिन यकीनन किसी राजनीतिक दल पर बैन लगाना चिंताजनक होगा. उन्होंने कहा कि हम मानवाधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता सहित संवैधानिक लोकतांत्रिक सिद्धांतों को शांतिपूर्ण ढंग से बनाए रखने का समर्थन करते हैं.
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अत्ता तरार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि सरकार इमरान खान की पीटीआई पार्टी पर बैन लगाने जा रही है. इस संदर्भ में अब मामले को सुप्रीम कोर्ट के पास रेफर किया जाएगा.
सूचना मंत्री ने कहा था कि अगर देश को सही दिशा में आगे बढ़ना है तो पीटीआई के अस्तित्व को खत्म करना जरूरी है. नौ मई के दंगे, विदेशी फंडिंग और साइफर केस को ध्यान में रखते हुए हमारा मानना है कि ऐसे विश्वसनीय सबूत हैं जिनके दम पर पीटीआई को प्रतिबंधित किया जा सके.
उन्होंने कहा था कि पीटीआई की राष्ट्रविरोधी गतिविधियों की वजह से उस पर बैन लगाने का फैसला किया गया है. उन्होंने कहा कि इमरान खान ने अपनी राजनीतिक इच्छाओं के लिए देश के राजनयिक संबंधों को खराब करने की कोशिश की. उनके खिलाफ विदेशी फंडिंग का केस स्थापित हो चुका है, उन पर नौ मई के दंगों का केस सिद्ध हो चुका है. ऐसे भी और कई केस हैं, जिनके वह दोषी हैं. इन सभी सबूतों को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया गया है.
पाकिस्तान में पहले भी लगता रहा है पार्टियों पर बैन
पाकिस्तान के 77 साल के इतिहास में पाकिस्तान आधे से अधिक समय तक अलग-अलग सैन्य शासनों के अधीन रहा. जब भी लोकतांत्रिक तरीके से चुनकर सरकार आई उसे पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ा और आज तक पाकिस्तान का कोई भी प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया.
पाकिस्तान में 1954 से लेकर अब तक पांच पार्टियों पर बैन लग चुका है. इनमें अवामी लीग से लेकर कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ पाकिस्तान, नेशनल अवामी पार्टी, जय सिंध कौमी महाज-अरिसर और तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान शामिल हैं.
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