भागलपुर (Bhagalpur) । सृजन घोटाले (Srijan Scam) के आरोपित 13 बैंक अधिकारियों (Bank officer) ने सीबीआई अधिकारियों (CBI Officer) पर हाईकोर्ट (High Court) में मुकदमा (case) किया है। बैंक अधिकारियों ने हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट दायर कर स्टेट की ऑडिट टीम पर सवाल उठाया है। रिट में कहा गया है कि यदि ऑडिट टीम सही रिपोर्ट देती तो सरकारी पैसे बैंकों में जमा ही नहीं होते। ऑडिट टीम की गलत रिपोर्ट के चलते ही सरकारी कार्यालयों के पैसे बैंक में जमा होते रहे। बैंकरों का आरोप है कि सीबीआई ने जांच रिपोर्ट में स्टेट ऑडिट टीम की भूमिका की न जांच की, न ऑडिट अफसरों को तलब कर पूछताछ की है।
जिन बैंकरों पर चार्जशीट, उसने किया केस
मुकदमा करने वाले बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया व इंडियन बैंक के वे अधिकारी हैं। इनके खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट की है। कुछ तो जेल भी गए। जो अभी जमानत पर बाहर हैं। याचिका में कहा गया कि यदि ऑडिट टीम ठीक से काम करती तो सीबीआई 23 बैंकरों पर मुकदमे नहीं करती। रिट में सृजन के बैंकिग कारोबार से ट्रांजेक्शन तक का इतिहास बताया गया है। बैंकरों के वकील उदय प्रताप सिंह ने बताया कि रिट में सीबीआई को नोटिस कर जवाब देने की अपील की गई है।
किसने किया केस?
अर्जुन दास, अतुल रमण, वरुण कुमार, मो. सरफराज उद्दीन, आनंद चंद्र गढई, नवीन कुमार साहा, शंकर प्रसाद दास, सुब्रत दास, अजय कुमार पांडे, ज्ञानेंद्र कुमार, राकेश कुमार, हरेकृष्ण अदक, दिनकर तिग्गा और प्रवीण कुमार।
किस पर किया केस?
डायरेक्टर सीबीआई, स्पेशल डायरेक्टर सीबीआई, डीआईजी सीबीआई, एसपी सीबीआई, डीएम भागलपुर, शाखा प्रबंधक द भागलपुर सेंट्रल को-ऑपरेटिव बैंक।
कैसे हुआ खुलासा
2017 में अगस्त के पहले हफ्ते में तत्कालीन डीएम आदेश तितरमारे के हस्ताक्षर वाला एक चेक बैंक ने यह कहकर वापस कर दिया कि पर्याप्त पैसे नहीं हैं। चेक एक सरकारी खाते का था। उसके बाद डीएम ने गोपनीय तरीके से डीडीसी से जांच कराई तो पूरा मामला सामने आया। इसके बाद अधिकारियों की टीम बना सभी विभाग की जांच कराई गई। इसमें कई विभागों में सेंधमारी का पता चला। आपको बता दें 200 करोड़ से अधिक घोटाला राशि होने पर सरकार ने जांच सीबीआई को सौंप दी।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved