डेस्क: इमरजेंसी को लेकर हाल में ही केंद्र सरकार ने एक बड़ा फैसला किया था. मोदी सरकार ने देश में इमरजेंसी के दिन को अब संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर इस बात का ऐलान किया था. केंद्र सरकार ने देश में 25 जून 1975 को लगी इमरजेंसी को लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंटने वाला दिन कहा है. केंद्र के इस फैसले को लेकर अब RRS का रिएक्शन सामने आया है.
25 जून को 1975 के आपातकाल की याद में संविधान हत्या दिवस के रूप में मनाए जाने को लेकर आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने कहा, ‘1975 में लगाया गया आपातकाल निश्चित रूप से गलत था. लोकतंत्र में हम स्वतंत्रता और स्वतंत्रता के बारे में बात करते हैं. ऐसी चीजें नहीं होनी चाहिए. संघ ने समय-समय पर आपातकाल का विरोध किया है और संघ ने संघर्ष भी किया है. कई कार्यकर्ताओं को जेल जाना पड़ा, बहुत संघर्ष करना पड़ा और मुझे लगता है कि हमारे देश में फिर से लोकतंत्र की स्थापना हुई है.’
गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया पर लिखा था, ‘ 25 जून 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने अपनी तानाशाही मानसिकता को दर्शाते हुए देश में आपातकाल लगाकर भारतीय लोकतंत्र की आत्मा का गला घोंट दिया था. लाखों लोगों को अकारण जेल में डाल दिया गया और मीडिया की आवाज को दबा दिया गया. भारत सरकार ने हर साल 25 जून को ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय किया है. यह दिन उन सभी लोगों के विराट योगदान का स्मरण करायेगा, जिन्होंने 1975 के आपातकाल के अमानवीय दर्द को झेला था.’
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