इंदौर। यह अभियान (Campaign) नहीं…इस शहर का अभिमान (pride) बन गया… बेटे (Son) के हाथों एक पेड़ मां (Mother) के नाम का ऐसा जुनून नजर आया कि क्या बच्चा, क्या बुढ़ा…हर शख्स हाथों में पौधे उठाए जमीन को तलाशता हुआ अपने भविष्य के साम्राज्य को जगह देता नजर आया…भौर से पहले ही रेवती रेंज की पहाड़ी (Revati Range Hills) पर ऐसा जुनून उमड़ा कि समय से पहले ही शुरू हुए अभियान ने 4 घंटे में ही 4 लाख पौधे रोंपकर संकल्प को साकार करने की ठान ली। पौधारोपण के विश्व रिकार्ड (World Record) के लिए पूरा दिन पड़ा है, लेकिन समय से पहले 11 लाख से अधिक पौधों को शहर की धरा पर नवजीवन मिल जाएगा।
हरियाली के दीवानों का रेवती रेंज में ऐसा हुजूम उमड़ा जो देखते ही बनता था। चारों और धरती मां की गोद को हरा-भरा करने के लिए जोश व जुनून नजर आ रहा था। प्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय इधर महायज्ञ के लिए पाठ-पूजन कर रहे थे और उधर शहर के लाखों हाथ पौधे लिए आह्वान का इंतजार कर रहे थे। विजयवर्गीय ने जैसे ही शंखनाद कर महापौर पुष्यमित्र भार्गव, विधायकों-पार्षदों और साथियों के साथ पौधा रोपण किया…वैसे ही रेवती रेंज की पहाड़ियों पर पहुंचे परिवारों के साथ शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों, व्यापारिक संस्थानों ने समूह के रूप में पौधारोपण शुरू कर दिया। पौधारोपण को यादगार बनाने के लिए सेल्फी लेने की भी होड़ नजर आई। बच्चों तक ने शहर के इस अभिमान और सम्मान की होड़ में अपनी हथेलियों को माटी से रंगा और पौधों को रोंपकर शहर को उस कीर्तिमान के करीब किया, जिसे आज इस शहर की गौरव गाथा में शामिल होना है… इंदौर आज उस रिकार्ड को अपने नाम दर्ज करेगा, जो अब तक असम के नाम पर है, जहां पूरे एक दिन में सर्वाधिक 9.26 लाख पौधे रोपे गए थे, वहीं इंदौर में चार घंटों में सुबह 11 बजे तक ही 4 लाख से अधिक पौध रोपे जा चुके थे और जिस तरह पहाड़ी पर लोगों का उत्साह नजर आ रहा है, शहरभर में अभियान चलाया जा रहा है…हर घर और हर आंगन में पौधों की कतार जन्म ले रही है…रेवती रेंज के बाद पितृ पर्वत से लेकर जगह-जगह आज संकल्प को साकार करने के लिए जुटी हुई है अनुमान है कि 11 लाख से अधिक पौधे लगाने का लक्ष्य शाम 5 बजे से बहुत पहले ही हो जाएगा। इंदौर में 51 लाख पौधों के लिए संकल्पित मंत्री कैलाश विजयवर्गीय आज पहले सौंपान में ही 11 लाख पौधों का संकल्प पूरा करने जा रहे हैं।
ऐसी दीवानगी देखी नहीं कभी…
हर हाथ में पौधा…और उन्हें नवजीवन देने की होड़…सूखे से जुझते और हरियाली को तरसते शहर ने कभी सोचा नहीं था कि भरपल्ले पौधे आएंगे…हर हाथ मौका पाएंगे…और अपने पीढ़ियों के भविष्य को संवार पाएंगे…भीषण गर्मी से जूझते और बारिश को तरसते शहर में प्राकृतिक विपदा की आहट हो चुकी थी…तापमान 48 को पार कर चुका था…सब बेबस थे…विवश थे… भविष्य के प्रति आशंकित और हरियाली के हत्यारों के लिए आक्रोशित भी थे…लेकिन सोच को साधते और कल्पना की हर सीमा को लांघते नेतृत्व के नुमाइंदे कैलाश विजयवर्गीय ने लाख-दो लाख नहीं, बल्कि 51 लाख पौधों का ऐलान कर पूरे शहर को अचंभित कर डाला…लेकिन क्षमताओं के शिरोधार्य विजयवर्गीय के भरोसे को साकार करने के लिए पूरा शहर जुट गया…रेवती रेंज की वीरान पहाड़ी को आज जहां हरियाली का नवजीवन देने के लिए हर हाथ और हर कदम ने दृढ़ता दिखाई और आज उस रिकार्ड को अपने नाम करने की ललक दिखाई…जो इंदौर तो क्या समूचे प्रदेश में प्रवेश के लिए तरसता रहा… क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग, क्या जवान, क्या किसान, क्या संत, क्या महात्मा, क्या सत्ता, क्या विपक्ष…हर हाथ आज इस महायज्ञ में अपनी आहुति देता नजर आया…आज शहर ने हरियाली का महोत्सव मनाया और उसे निहारने देश के गृहमंत्री अमित शाह का डोला भी शहर में उतर आया…आज हरियाली को सलाम…उस दीवानगी को सलाम…जो आज तक नजर नहीं आई….लेकिन पूरे इंदौर में छाई…
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