नई दिल्ली. नेपाल (Nepal) के पूर्व प्रधानमंत्री (former Prime Minister) केपी शर्मा ओली (KP Sharma Oli ) ने नई सरकार ब(new government) नाने का दावा पेश किया है. उन्होंने पुष्प कमल दहल “प्रचंड” (pushp kamal dahal “prachand”) के संसद में विश्वास मत हारने के बाद राष्ट्रपति के सामने 166 सांसदों के समर्थन का दावा किया है. इनमें उनकी खुद की पार्टी यूएमएल के 78 और नेपाली कांग्रेस के 88 सांसद शामिल हैं.
केपी ओली अब तक सरकार का हिस्सा था
केपी शर्मा ओली अब तक पुष्प कमल दहल “प्रचंड” की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के साथ गठबंधन में सरकार का हिस्सा थे. रिपोर्ट्स के मुताबिक, मार्च महीने में ही उन्होंने “प्रंचड” को समर्थन दिया था. तब नेपाली कांग्रेस ने “प्रचंड” की पार्टी के साथ गठबंधन से किनारा कर लिया था और नेपाली कांग्रेस ने विपक्ष में रहने का फैसला किया था. अब नेपाली कांग्रेस केपी ओली की कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (मार्किसिस्ट-लेनिनिस्ट) के साथ सरकार का हिस्सा होगी.
पुष्प कमल दहल ने संसद में खोया विश्वास मत
पुष्प कमल दहल “प्रचंड” को संसद में विश्वास मत में हार का सामना करना पड़ा. सत्ता बनाए रखने के लिए 275 सदस्यीय सदन में दहल को कम से कम 138 वोटों की जरूरत थी, लेकिन मौजूद 258 सांसदों में से सिर्फ 63 ने ही उनके पक्ष में मतदान किया. जबकि 194 सांसदों ने उनके खिलाफ मतदान किया और 1 ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया.
तीन बार बदला गठबंधन, अब नहीं रहे पीएम
प्रधानमंत्री के रूप में अपने तीसरे कार्यकाल के दौरान पुष्प कमल दहल ने अपने मुख्य गठबंधन सहयोगी को तीन बार बदला और उन्हें पांच बार संसद में विश्वास मत हासिल करना पड़ा. उन्होंने दिसंबर 2022 में अपने तीसरे कार्यकाल के लिए शपथ लिया था. उन्हें शुक्रवार को विश्वास मत में हार मिली और उन्हें पीएम पद से हाथ धोना पड़ा.
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