मुंबई (Mumbai) । महाराष्ट्र विधान परिषद (Maharashtra Legislative Council) की 11 सीटों के लिए शुक्रवार को हुए द्विवार्षिक चुनाव के नतीजे सामने आ चुके हैं। कुल 12 उम्मीदवार (Candidate) मैदान में थे। इनमें से सत्ताधारी महायुति के 9 उम्मीदवार थे, जबकि विपक्षी महाविकास अघाड़ी (Mahavikas Aghadi) के तीन उम्मीदवार मैदान में थे। चुनाव परिणामों के मुताबिक महायुति के सभी 9 उम्मीदवारों की जीत हुई है, जबकि महाविकास अघाड़ी के दो उम्मीदवार विजयी रहे हैं।
चुनाव परिणामों और मिले वोटों से पता चलता है कि मतदान के दौरान कांग्रेस के कम से कम सात विधायकों ने पार्टी के निर्देशों की अवहेलना की है। पार्टी सूत्रों ने बताया कि 37 विधायकों वाली कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार प्रज्ञा सातव के लिए 30 प्रथम वरीयता के वोटों का कोटा तय किया था और शेष सात वोट सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) के उम्मीदवार मिलिंद नार्वेकर को मिलने थे लेकिन, सातव को 25 और नार्वेकर को 22 प्रथम वरीयता के वोट मिले, जिसका मतलब है कि कम से कम सात कांग्रेस विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है।
भाजपा, शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन ने लड़ी गई सभी नौ सीटों पर जीत हासिल की, जबकि शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा (एसपी) द्वारा समर्थित पीजेंट्स एंड वर्कर्स पार्टी (पीडब्ल्यूपी) के जयंत पाटिल विधान परिषद चुनाव हार गए हैं। चुनाव से पहले इसकी चर्चा तेज थी कि पवार के भतीजे और उप मुख्यमंत्री अजित पवार के खेमे के एनसीपी विधायक टूट सकते हैं और शरद पवार के समर्थित उम्मीदवार के पक्ष में क्रॉस वोटिंग कर सकते हैं लेकिन ऐसा नहीं हुआ। सत्ता पक्ष में किसी तरह की खरीद फरोख्त से बचाने के लिए अपने विधायकों को पिछले कुछ दिनों से होटलों में ठहरा रखा था।
इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने शुक्रवार को कहा कि विधान परिषद चुनाव में महायुति (राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन) के सभी नौ उम्मीदवारों की जीत इस साल के अंत में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव से पहले एक ‘ट्रेलर’ है। शिंदे ने पत्रकारों से कहा कि लोकसभा चुनाव में विपक्ष द्वारा झूठा विमर्श गढ़ा गया और लोगों को गुमराह किया गया। उन्होंने कहा, ‘‘महायुति ने एक बड़ी जीत दर्ज की है। यह एक अच्छी शुरुआत है। एक झूठा विमर्श (कि भाजपा द्वारा संविधान बदल दिया जाएगा) गढ़ा गया था। लोगों को गुमराह किया गया। महायुति की जीत (विधान परिषद चुनाव में) एक ‘ट्रेलर’ है।”
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