संयुक्त राष्ट् । संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट (UN report) के अनुसार भारत (India) अगली सदी में भी (In the next Century also) दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा (Will remain the World’s most populous country) । भारत की जनसंख्या 2060 के दशक के मध्य में चरम पर होगी, लेकिन इसके बाद इसमें धीरे-धीरे गिरावट शुरू होगी। इसके बाद भी भारत अगली सदी (2100) में दुनिया का सबसे अधिक आबादी वाला देश बना रहेगा।
वरिष्ठ जनसंख्या मामलों की अधिकारी क्लेयर मेनोजी ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन) की विश्व जनसंख्या संभावना 2024 रिपोर्ट जारी करते हुए कहा कि भारत इस समय जनसंख्या के मामले में दुनिया का सबसे बड़ा देश है। अनुमान है कि यह पूरी शताब्दी में ऐसा ही रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत की जनसंख्या 2060 के दशक के आसपास चरम पर होगी। फिर इसमें थोड़ी गिरावट आनी शुरू होगी। सदी के अंत तक भारत की जनसंख्या लगभग 1.5 अरब रहने का अनुमान है। बावजूद इसके भारत विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश होगा। आंकड़ों के अनुसार, भारत की जनसंख्या वर्तमान 1.45 अरब से बढ़कर 2064 में 1.7 अरब हो जाएगी। इसके बाद 2100 में भारत की जनसंख्या घटकर 1.5 अरब होने का अनुमान है, जो 12 प्रतिशत की गिरावट होगी।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत उन देशों में शामिल है जहां 20 से 64 वर्ष की कामकाजी आयु वाली आबादी 2054 तक बढ़ेगी।” रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि इस अवसर को भुनाने के लिए विभिन्न देशों को शिक्षा, स्वास्थ्य और बुनियादी ढांचे में निवेश करना होगा। ऐसे प्रयास करने होंगे जिससे नई नौकरियों का सृजन हो सके। अनुमान है कि भारतीयों की जीने की उम्मीद वर्तमान 72.24 वर्ष से बढ़कर 2100 तक 83.3 वर्ष हो जाएगी।
रिपोर्ट ये भी दावा करती है कि, अगले 30 वर्षों में पाकिस्तान दुनिया का तीसरा सबसे ज्यादा आबादी वाला देश बन जाएगा। पाकिस्तान की वर्तमान जनसंख्या 251 मिलियन से बढ़कर 2054 में 389 मिलियन हो जाएगी। यानि पाक की जनसंख्या संयुक्त राज्य अमेरिका और इंडोनेशिया से आगे निकल जाएगी। तब भारत की जनसंख्या 1.69 अरब और चीन की 1.21 अरब होने का अनुमान है।
संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक विकास के सहायक महासचिव नवीद हनीफ के अनुसार, विश्व की जनसंख्या 2080 के दशक के मध्य में अपने चरम पर होगी, जो अगले 60 वर्षों में वर्तमान 8.2 अरब से बढ़कर लगभग 10.3 अरब हो जाएगी। यह सदी के अंत तक घटकर करीब 10.2 अरब हो जाएगी। रिपोर्ट के अनुसार, वरिष्ठ नागरिकों की संख्या बच्चों से ज्यादा होगी।
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