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    2024 की हार पर मंथन या 2027 में जीत का चिंतन, CM योगी दे रहे ये मंत्र

  • July 11, 2024

    लखनऊ: उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव में मिली हार ने बीजेपी को गहरे जख्म दिए हैं, जिसे लेकर संगठन से लेकर सरकार तक को चिंता में डाल दिया है. हार की वजह तलाशने के लिए मंथन और उसके समाधान के लिए चिंतन में बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से लेकर सीएम योगी जुटे हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष के तीन दिन तक लखनऊ में कैंप करके हार के कारण पता लगाने के लिए विचार-विमर्श किया और अब सीएम योगी आदित्यनाथ लोकसभा सीटवाइज विधायक-सांसद और उस इलाके से आने वाले मंत्रियों के साथ बाचतीत करके नतीजों की वजह और समाधान की राह तलाश रहे हैं.

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर रोज अलग-अलग मंडल के विधायक, सांसद और क्षेत्र के नेताओं के साथ बातचीत कर रहे हैं. इस दौरान बीजेपी ही नहीं बल्कि सहयोगी दलों के जनप्रतिनिधियों के साथ भी बैठक रहे हैं. यूपी में अभी तक सीएम योगी सूबे के 10 से ज्यादा मंडल की लोकसभा सीटों के नेताओं के साथ विधानसभावार मंथन कर चुके हैं, जिसमें यह बात निकलकर आई है कि हार से सबक लेकर आगे की दिशा में कदम बढ़ाने का मूलमंत्र वो दे रहे हैं. इस तरह केंद्र और राज्य सरकार की योजना को लेकर सोशल मीडिया पर वोकल होना दिशा निर्देश दिया है.

    योगी आदित्यनाथ अपने आवास पर हर रोज एक से दो मंडल के नेताओं के साथ बैठक रहे हैं. यूपी के अवध, पूर्वांचल और बुदंलेखंड क्षेत्र की लोकसभा सीटों को लेकर उन क्षेत्रों के नेताओं के साथ मुख्यमंत्री मंथन कर चुके हैं और अब बारी पश्चिमी यूपी के इलाके की है. यूपी के जिन इलाकों के विधायकों के साथ बैठक की है, उन सभी से सीएम योगी आदित्यनाथ एक बात पूछी है कि आखिर आपके इलाके में बीजेपी क्यों हार गई. इसमें पहले और अब मिले वोटों का अंतर पर भी बात किया.

    मुख्यमंत्री के साथ बैठक में अधिकतर विधायकों ने हार की वही वजहें गिनाईं जो कई दिनों से चर्चा के केंद्र में है. दो बार के बीजेपी सांसदों को लोकसभा चुनाव में टिकट देकर रिपीट करना. पार्टी कार्यकर्ताओं की उदासीनता और संविधान व आरक्षण को लेकर विपक्ष का नैरेटिव बीजेपी पर महंगा पड़ा. ऐसे में सीएम ने अभी तक नेताओं को यही मंत्र दिया है कि विकास और जनकल्याण के एजेंडे को आगे बढ़ाने के साथ ही ‘नैरेटिव’ मजबूत करने पर भी काम करना होगा. विपक्ष इस बार मुद्दों को अपने तरीके से जनता में ले जाने में सफल रहा, जिसे ‘काउंटर’ करने के लिए क्षेत्र में अपनी सक्रियता को बनाना होगा.


    राजनीतिक विश्लेषक भी मानते हैं कि बीजेपी संगठन महामंत्री बीएल संतोष के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बैठक कर सूबे में कमजोर पड़े मनोबल को फिर से बूस्टर देने की रणनीति के तहत किया जा रहा है. यूपी में 62 से 33 सीटों पर बीजेपी के आने से 2027 के लिए अलार्म है. बीजेपी जिस सोशल इंजीनियरिंग के जरिए यूपी में अपनी वापसी की थी, उसको अखिलेश यादव ने हथियार बनाकर मात दे दी है. इसके चलते 2027 विधानसभा चुनाव का समीकरण गड़बड़ा गया है.

    लोकसभा चुनाव के बीच मुद्दों से हुए जातीय उभार से स्थिति और जटिल हो गई. बीजेपी ने हिंदुत्व के छतरी के नीचे ओबीसी और दलित जातियों को एक साथ लाने का काम 2014 से किया था, उसमें सियासी बिखराव हो गया है. बीजेपी के लिए यह टेंशन का सबब बन गई है. ऐसे में बीजेपी 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले डैमेज कंट्रोल करने की मुहिम में जुट गई है.

    मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक में क्षेत्र में सक्रिय रहने के साथ जमीन और सोशल मीडिया दोनों ही जगह पर ‘सोशल’ और ‘वोकल’ रहने का मंत्र दे रहे हैं. सीएम योगी सभी को जनता के बीच रहने का दिशा-निर्देश दे रहे हैं. योगी ने कहा सब लोग सोशल मीडिया में एक्टिव रहें. उन्होंने सुझाव दिया कि जो भी काम करें उसका प्रचार जरूर करें और क्षेत्र में लोगों से मिलने की तस्वीरें भी शेयर करें. उन्होंने एक उदाहरण देते हुए कहा कि किसी को पीएम आवास योजना में घर मिला है. तो फिर उसके साथ उसके घर के आगे सेल्फी लेकर पोस्ट कर दें.

    सीएम योगी ने कहा कि विकास और जनहित के ऐतिहासिक कदम उठाने के बाद भी विपक्ष कई विषयों को लेकर ‘झूठे नैरेटिव’ बनाता रहा. ऐसे प्रयास आगे भी होंगे. इनका हर प्लेटफॉर्म पर तर्कों और तथ्यों के साथ पर्दाफाश करना होगा. उन्होंने कहा कि समाज में राय बनाने वाले लोगों से संवाद करें और अपने विषय को उनके बीच रखें, जिसे यह नीचे तक पहुंच सके. साथ ही विकास योजनाओं का निरीक्षण करें, जहां भी कोई कमी या सुधार की जरूरत है, उसे उचित प्लेटफॉर्म पर उठाएं. ऐसे में साफ है कि योगी सरकार 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अभी से सियासी माहौल बनाने का दांव चल दिया है.

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