नई दिल्ली (New Delhi)। रूस-यूक्रेन (Russia-Ukraine war) के बीच करीब ढाई साल से जंग जारी है. हजारों कत्लेआम के बाद भी रूसी राष्ट्रपति पुतिन (Russian President Putin) अभी जंग खत्म करने के मूड में नजर नहीं आ रहे. भारत (India) किसी तरह यूक्रेन जंग खत्म करवाने की कोशिशों में जुटा है. रूस भारत (India) को मना रहा है कि यह जंग खत्म हो. भारत (India) ने रूस (Russian) से साफ कह दिया है कि शांति और बातचीत ही एकमात्र विकल्प है. मगर दूसरी ओर चीन (China) है जो अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा. वह अपने फायदे के लिए रूस-यूक्रेन जंग की आग को और भड़का रहा है।
यह जगजाहिर है कि चीन, रूस को हथियार देकर जंग को और हवा दे रहा है. जब 75वीं वर्षगांठ पर अमेरिका में नाटो देश इकट्ठा हुए तो उनकी चिंता के केंद्र में चीन ही रहा. चीन ने नाटो देशों के धुकधुकी बढ़ा दी है. जिस तरह से चीन रूस को मदद देकर जंग को जिंदा रखे हुए है, उससे नाटो देशों की चिंता की लकीरें उभर आई हैं. नाटो देशों ने कहा कि चीन ही रूस का असल मददगार है, जिसकी वजह से रूस यूक्रेन के खिलाफ ताबड़तोड़ अटैक कर रहा है।
नाटो की बढ़ गई टेंशन
दरअसल, चीन के खिलाफ अब तक की अपनी तीखी प्रतिक्रिया में नाटो सहयोगियों ने ड्रैगन को यूक्रेन के खिलाफ रूस के युद्ध का मुख्य मददगार बताया. नाटो सदस्यों ने चीन के परमाणु हथियार भंडार और अंतरिक्ष में उसकी क्षमताओं पर चिंता व्यक्त की. नाटो के 32 सदस्य देशों ने वॉशिंगटन में अपने शिखर सम्मेलन में फाइनल बयान जारी किया. चिंता व्यक्त करते हुए नाटो ने स्पष्ट कहा कि चीन सैन्य गठबंधन का केंद्र बिंदु बनता जा रहा है. यूरोपीय और उत्तरी अमेरिकी सदस्य और इंडो-पैसिफिक में उनके सहयोगी देश, रूस और उसके एशियाई समर्थकों, खासकर चीन से आने वाली साझा सुरक्षा चिंताओं को देख रहे हैं।
चीन बना रूस का मददगार
बयान में नाटो सदस्य देशों ने कहा कि चीन रूस के साथ अपनी बिना किसी सीमा के साझेदारी और रूस के रक्षा उद्योग के लिए बड़े पैमाने पर समर्थन के माध्यम से युद्ध को बढ़ावा देने वाला बन गया है. हालांकि, चीन इस बात से इनकार करता रहा है कि वह रूस के युद्ध प्रयासों का समर्थन करता है. चीन जोर देकर कहता है कि वह अपने उत्तरी पड़ोसी के साथ सामान्य व्यापार करता है. चीन कहता रहा है कि वह रूस को किसी तरह की हथियार सप्लाई नहीं करता. मगर कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि रूस को चीन परोक्ष रूप से हथियारों की सप्लाई कर रहा है. चीन पार्ट्स में हथियार, मिसाइल और तकनीक से रूस की मदद कर रहा है।
नाटो ने चीन से क्या अपील की
नाटो देशों का कहना है कि चीन की मदद रूस से उसके पड़ोसियों और यूरो-अटलांटिक सुरक्षा के लिए खतरा बढ़ाता है. हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एक स्थायी सदस्य के रूप में चीन से अपील करते हैं कि वह रूस के युद्ध प्रयासों को दी जा रही सभी तरह की भौतिक और राजनीतिक सहायता बंद करे. इस बयान में चीन को उसके आधिकारिक नाम पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के शॉर्ट फॉर्म PRC से संबोधित किया गया है।
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