नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने मंगलवार को सहमति से लड़के और लड़की (Boy and Girl) के बीच यौन संबंध (Sexual Intercourse) बनाने को लेकर बड़ी टिप्पणी की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ज्यादातर लोगों को पता ही नहीं है कि सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र कितनी है. उन्होंने बताया कि सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र 16 नहीं बल्कि 18 है.
जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय करोल और जस्टिस पीवी संजय कुमार की बेंच ने कहा, ”लड़का और लड़की के बीच यौन संबंध बनाने की उम्र 16 साल से बढ़ाकर 18 साल करने को लेकर अभी भी जागरूकता नहीं है. सहमति से यौन संबंध बनाने की उम्र 16 से बढ़ाकर 18 उम्र 2012 में कर दी गई थी.”
सुप्रीम कोर्ट ने यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत एक मामले में आरोपी को बरी करने के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार की अपील खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कई बड़ी टिप्पणियां की. बार एंड बेंच की एक रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने कहा कि POCSO मामलों में मुकदमे की कार्यवाही शुरू तो हो जाती है, लेकिन इसमें लोगों को कई तरह की परेशानी सामने आती हैं. इसका जिक्र कई पूर्व जज और न्यायपालिका के सदस्य भी कर चुके हैं. कई मामलों में तो ये भी सामने आता है कि युवा यौन संबंध सहमति से बनाते हैं, लेकिन पुरुष पार्टनर के खिलाफ केस किया जाता है.
सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा कि कई बार केस चलने के दौरान ही लड़का और लड़की शादी कर लेते हैं. इसके बाद उनके बच्चे भी हो जाते हैं. ऐसे में परेशानियां बढ़ जाती हैं, क्योंकि पुरुष को तो सजा मिल जाती है और तो और महिला और बच्चे अकेले छुट जाते हैं.
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