नई दिल्ली: पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI एक बार फिर भारत में आतंकवाद फैलाने की बड़ी साजिश रच रही है. भारतीय खुफिया एजेंसियों ने खुलासा किया है कि पाकिस्तान की आईएसआई इस बार 90 के दशक के आतंकी कमांडरों की मदद से भारत और खासतौर पर जम्मू-कश्मीर में दहशत फैलाने का प्लान बना रही है. सूत्रों के मुताबिक, 90 के दशक के आतंकी कमांडर पीओके में रह गए, पाकिस्तान ने अब उनको इस काम में लगाया है. पाकिस्तान अपने इन कमांडरों के मार्फत घाटी की नई पीढ़ी को बरगलाने का जिम्मा दिया है.
पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI नब्बे के दशक के आतंकियों को एक बार फिर जम्मू-कश्मीर में वापस भेजने का प्लान तैयार किया है. ISI के साथ और पाकिस्तानी आतंकी संगठन मिलकर भारत में गड़बड़ियां फैलाना चाहते हैं. हालांकि पाकिस्तान की नई साजिश का पर्दाफाश हो गया है. लिहाजा सुरक्षा में जुटे जवान चौकस हो गए हैं और खुफिया एजेसियां पहले से और भी अलर्ट हो गई हैं. भारतीय जवान पाकिस्तान के मंसूबों को नेस्तनाबूद करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
आईएसआई ने अपने इन आतंकी कमांडरों को कश्मीर के युवाओं को अपने जाल में फंसाने और उसे आतंकी बनाने का काम सौंपा है. दरअसल जम्मू-कश्मीर में इस वक्त आतंकवाद की कमर टूट चुकी है. सुरक्षा बलों ने आतंकवादियों के मंसूबे को ध्वस्त कर दिया है. यहां तक कि जो आतंकी पाकिस्तान से आ रहे हैं, उनका संपर्क घाटी के युवाओं से नहीं हो पा रहा है.
जानकारी के मुताबिक, पाकिस्तान ने इसी वजह से PoK में रह रहे अपने पुराने आतंकियों की मदद लेना चाहता है. वह आतंकियों को घुसपैठ कराना चाहता है और घाटी में दहशत फैलाना चाहता है. यानी घाटी में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान घाटी के दहशतगर्द का ही इस्तेमाल करना चाहता है.
सूत्रों के मुताबिक, आईएसआई अपने पुराने आतंकियों को इस तरह भारत की सरजमीं पर भेजने की साजिश रचती है. डोडा किश्तवार में आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए ISI ने पहले से ही आतंकी मोहम्मद अमीन भट्ट को चुना तो पुंछ राजौरी में आतंक बढ़ावा देने के लिए जेईएम एलईटी हिजबुल को चुना था. जानकारी के मुताबिक इस वक़्त राजौरी और पुंछ में करीब दो से तीन आतंकियों का ग्रुप सक्रिय है. जबकि चिनाब घाटी में भी करीब तीन से चार आतंकियों का ग्रुप सक्रिय है.
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