वॉशिंगटन: भारत (India) का एक प्राचीन पेड़ अब फ्लोरिडा (Florida) में फल-फूल रहा है, जो टिकाऊ कृषि और रिन्यूएबल एनर्जी (Renewable Energy) के लिए आशा की किरण देता है। फ्लोरिडा का फलता-फूलता साइट्रस उद्योग साइट्रस कैंकर जैसी बीमारियों से नष्ट हो गया है। इस कारण अब किसान पोंगामिया के पेड़ लगा रहे हैं। यह जलवायु के हिसाब से बेहद लचीला पेड़ है, जिससे पौधे आधारित प्रोटीन और टिकाऊ जैव ईंधन का उत्पादन करने की क्षमता है। वर्षों से पोंगामिया का इस्तेमाल छायादार पेड़ों के लिए किया जाता रहा है। इसमें छोटी भूरी फलियां होती हैं, जो इतनी कड़वी होती हैं कि इन्हें जंगली सूअर भी नहीं खाएंगे।
लेकिन संतरे और अंगूर के पेड़ों के विपरीत पोंगामिया के पेड़ों को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत नहीं है। पोंगामिया के पेड़ों को उर्वरक या कीटनाशकों की भी जरूरत नहीं है। वे सूखे या बरसात की स्थिति में पनपते हैं और उनकी फलियों को तोड़ने के लिए श्रमिकों के टीम की जरूरत नहीं। जब वे कटाई के लिए तैयार होते हैं तो एक मशीन शाखाओं से छोटी फलियों को आसानी से हिलाकर तोड़ देती है। सैन फ्रांसिस्को स्थित कंपनी टर्विवा जिसे नवीन सिक्का ने 2010 में स्थापित किया वह फलियों से कड़वे स्वाद को हटाने के लिए अपनी पेटेंट तकनीक का इस्तेमाल करती है। जिससे फलियाँ खाद्य उत्पादन के लिए उपयुक्त हो जाती हैं।
क्या-क्या होता है इस्तेमाल?
एसोसिएट प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सिक्का ने कहा कि फ्लोरिडा टर्विवा और पूर्व संतरे के किसानों के लिए एकदम फिट है। पोंगामिया भारत, दक्षिण पूर्व एशिया और ऑस्ट्रेलिया में मिलने वाला जंगली पेड़ है। इनकी फलियों का इस्तेमाल कई उत्पादों के लिए किया जाता है, जिसमें तेल और प्रोटीन शामील है। कंपनी प्रोटीन आटा भी बनाती है। टर्विवा के निदेशक मंडल के अध्यक्ष और लंबे समय से फ्लोरिडा में संतरों के उत्पादक रॉन एडवर्ड्स ने कहा, ‘फलियां तेल का उत्पादन करती हैं, जिसका उपयोग जैव ईंधन के रूप में किया जा सकता है, मुख्य रूप से विमानन के लिए जो बेहद कम कार्बन फुटप्रिंट छोड़ते हैं।’
प्रोटीन के रूप में भी होता है इस्तेमाल
एडवर्ड्स ने कहा कि एक जंगली पेड़ को घरेलू बनाना आसान नहीं था। इसके लिए हमारे पास कोई भी किताब नहीं थी, क्योंकि अभी तक ऐसा नहीं किया गया था। एडवर्ड्स ने कहा कि मधुमक्खियों जैसे अन्य जीव पोंगामिया के फूलों का आनंद लेते हैं। उन्होंने कहा कि एक एकड़ पेड़ संभावित रूप से चार एकड़ सोयाबीन के बराबर मात्रा में तेल दे सकते हैं। पोंगामिया बीन से तेल निकालने के बाद जो बचता है वह एक बहुत ही उच्च श्रेणी का प्रोटीन है, जिसे बेकिंग और समूदी और सभी पौधे आधारित प्रोटीन के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है।
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