इंदौर। यह पहला मौका है जब इंदौर में पौधारोपण को लेकर इतनी जागरूकता नजर आ रही है और आम नागरिकों से लेकर शहर की तमाम संस्थाएं 51 लाख पौधों को लगाने के संकल्प में अपनी भागीदारी दिखा रही है। कल लोकसभा अध्यक्ष ओम बिडला ने भी स्कूली बच्चों के साथ बिजासन में पौधारोपण किया। लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती सुमित्रा महाजन, नगरीय विकास और आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय सहित महापौर और अन्य जनप्रतिनिधि मौजूद रहे। श्री विजयवर्गीय ने जहां इस साल के अपने 51 लाख पौधों के संकल्प की बात कही। साथ ही उन्होंने यह भी कह दिया कि अब हर साल 51 लाख पौधे लगाए जाएंगे और 5 साल तक यह अभियान लगातार चलेगा। यानी लगभग इस दौरान ढाई करोड़ से अधिक पौधे इंदौर जिले में लगेंगे, जिनके देखभाल की भी आवश्यक प्रबंध किए जा रहे हैं और स्वच्छ इंदौर कुछ ही वर्षों में ग्रीन सिटी मामले में भी नम्बर वन रहेगा।
अभी 14 जुलाई को केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की मौजूदगी में रेवती रेंज में 11 लाख पौधे लगाकर विश्व रिकॉर्ड भी कायम किया जाएगा, जिसकी युद्ध स्तर पर तैयारी चल रही है। महापौर परिषद् सदस्य और इस पौधारोपण अभियान के प्रभारी राजेन्द्र राठौर का कहना है कि रोजाना गाडिय़ों में भरकर पौधे आ रहे हैं और शहर की तमाम संस्थाओं, स्कूलों, कॉलेजों से लेकर एसोसिएशन बढ़-चढक़र इस अभियान में शामिल हो रहे हैं और इन सबको ही पौधारोपण के बाद देखभाल करने की जिम्मेदारी भी सौंपी जाएगी। वहीं दूसरी तरफ एनआईसीटी के ड्रोन विभाग ने सीड बॉल स्प्रे करने वाला एक विशेष ड्रोन भी तैयार किया है। इसके अध्यक्ष व प्रबंध निदेशक मुकेश हजेला ने बताया कि इस ड्रोन में सीड बॉल डिस्पेंसर लगाया गया है और 5 लाख सीड बॉल फैलाने का लक्ष्य रखा गया है। शहर में कई स्थान ऐसे हैं जहां पर पौधारोपण करना संभव नहीं है।
ऐसी जगहों पर ड्रोन के माध्यम से सीड बॉल फैलाए जाएंगे, जिनमें पहाडिय़ों के अलावा तालाबों और इंदौर जिले के ऐसे अन्य क्षेत्र में चिन्हित किए गए हैं। इनका जीआईएस मैपिंग भी कराया जा रहा है। साथ ही जो सीड बॉल तैयार करवाए हैं उनमें नीम, पीपल, जामुन से लेकर इसी तरह की उपयोगी प्रजातियों के पौधे शामिल किए गए हैं। श्री हजेला के मुताबिक कृषि ड्रोन में तकनीकी बदलाव कर सीड बॉल डिस्पेंसर लगाया गया है। ड्रोन पायलट इंस्ट्रक्टर विवेक कोरव द्वारा इसका उपयोग किया जाएगा। पहाडिय़ों, वन क्षेत्र, तालाबों के किनारे, जहां पर मिट्टी का कटाव होता है वहीं वन विभाग व अन्य संस्थाओं के साथ मिलकर उन जगहों को चिन्हित किया गया है जहां ड्रोन के माध्यम से सीड बॉल को फैलाया जाएगा। इससे बड़े क्षेत्र में कम समय में पौधारोपण का काम सम्पन्न हो सकेगा और जियो मैप से मॉनिटरिंग के जरिए पौधों के विकास में भी मदद मिलेगी। ये सीड बॉल पीपल, बैर, बेल, नीम, जामुन, बबूल, गुलमोहर, आंवला, पलाश, खेजरी सहित अन्य प्रजातियों के तैयार किए गए हैं। अभी सीड बॉल ड्रोन की सफल टेस्टिंग की गई। इस अवसर पर एनआईसीटी के निदेशक जितेन्द्र चौधरी, महेन्द्र गुप्ता और अजय साधु तथा ड्रोन पायलट इंस्ट्रक्टर विवेक कोरव मौजूद रहे। इस बार 5 लाख सीड बॉल फैलाने का लक्ष्य एनआईसीटी द्वारा लिया गया है।
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