शिमला: हिमाचल प्रदेश के शिमला के इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एंव अस्पताल के डॉक्टरों ने बड़ा कारनामा किया है. यहां पर डॉक्टरों ने चंबा के एक मरीज को बड़ा जीवनदान दिया है. फिलहाल, मरीज ठीक है और उसे छुट्टी दे दी गई है. जानकारी के अनुसार, चंबा के पांगी के 65 वर्षीय मरीज धर्मदास की 3 जून 2024 को ब्रेन ट्यूमर की सर्जरी के दौरान इलेक्ट्रोएन्सेफेलोग्राफ के निर्देश के तहत एनेस्थीसिया दिया गया. हिमाचल प्रदेश में ऐसा ऐसा पहली हुआ.
न्यूरोएनेस्थेसिया के डॉ. ने पहले मरीज धर्मदास को बिना बहोश किए ईईजी इलेक्ट्रोड लगाए, और निहॉन कोहडेन न्यूरोफैक्स ईईजी मशीन पर उनके मस्तिष्क की तरंगों की निगरानी की. इसके बाद मरीज को एनेस्थीसिया दिया गया और एनेस्थेटिक की गहराई के अनुसार ईईजी तरंगों में बदलाव देखा गया. एक बार जब ईईजी तरंगें सर्जरी के लिए अनुकूल आवृत्ति की हो गईं, तो न्यूरोसर्जरी विभाग के डॉ. विप्लव सिंह ने मरीज के ब्रेन ट्यूमर का ऑपरेशन किया.
सर्जरी को पूरा होने में 2.5 घंटे लगे. एनेस्थीसिया प्रक्रिया के बाद में मरीज होश में आ गया था. डॉक्टरों ने बताया कि ब्रेन ट्यूमर को हटाने के बाद पहली बार ईईजी के जरिये एनेस्थीसिया देने की तकनीक अपनाई गई. उन्होंने बताया कि 7 जून को मरीज को आईजीएमसी शिमला से छुट्टी दे दी गई थी और मौजूदा समय में मरीज घर पर आराम कर रहे हैं.
फिलहाल, डॉ. मौजूदा समय में ब्रेन ट्यूमर सर्जरी के लिए ईईजी निर्देशित न्यूरोएनेस्थेसिया पर न्यूरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर सुधीर शर्मा के साथ चल रहे शोध पर काम कर रहे हैं. शोध में न्यूरोसर्जरी विभाग के साथ डॉ. विक्रम टक्कर भी हिस्सा ले रहे हैं. अध्ययन के लिए इंडियन सोसाइटी ऑफ न्यूरोएनेस्थेसिया एंड क्रिटिकल केयर से शोध अनुदान मांगा गया है.
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