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    प्रिंसेस स्टेट में चार खसरों का विवाद कायम… अदालत से ही मिल सकेगा भूखंड पीडि़तों को न्याय

  • July 08, 2024

    प्रशासन ने शिविर लगाकर कई भूखंडों का कब्जा भी दिलाया, मगर 100 से अधिक भूखंड विवादित खसरा नम्बरों के, डबल रजिस्ट्री से लेकर अन्य विवाद सालों से कायम

    इंदौर। कलेक्टर आशीष सिंह (collector Ashish Singh) की पहल पर दूसरी मर्तबा प्रिंसेस स्टेट (Princess State) भूखंड पीडि़तों को राहत देने के लिए शिविर का आयोजन किया गया, जिसमें लगभग 57 पीडि़तों को कब्जा भी दिलवाया गया। मगर अभी भी चार खसरे (Four measles) ऐसे हैं जिनमें विवाद सालों से कायम है और इसका निराकरण अदालत (court) के जरिए ही होगा, क्योंकि डबल रजिस्ट्रियों से लेकर कई अन्य विसंगतियां भी हैं। खसरा नं. 270, 257, 264 और 267 पर यह विवाद चल रहा है। पूर्व में भी अग्रिबाण ने लगातार प्रिंसेस इस्टेट पीडि़तों को लेकर समाचार प्रकाशित किए हैं और कॉलोनाइजर द्वारा की गई धोखाधड़ी को भी उजागर किया गया। पूर्व में भी प्रशासन कॉलोनाइजरों अरुण डागरियां और महेन्द्र जैन के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवा चुका है।


    25 साल पहले लसूडिय़ामोरी एमआर-11 पर फॉर्म हाउस के नाम पर यह कॉलोनी काटी थी, जिसमें बाद में जमीनों से जुड़े जादूगरों ने कई खेल कर लिए। हालांकि नगर निगम में प्रिसेंस इस्टेट को वैध करने की प्रक्रिया भी चल रही है। दूसरी तरफ राजस्व अमले, जिसमें तहसीलदार और पटवारी भी शामिल रहे ने जमीनी जादूगरों से मिलकर कई फर्जी दस्तावेज तैयार किए और सर्वे नम्बर 270/1/5 की जमीन के स्थान पर फिल्ड बुक में सर्वे नं. 270/2 की 1.30 हेक्टेयर जमीन शामिल कर ली। जबकि चतुर्थ सीमा के हिसाब से ही फिल्ड बुक बनती है। मगर तहसीलदार पटवारी ने मनमर्जी से जमीनी जादूगरों के मुताबिक फिल्ड बुक बना दी, जिसके आधार पर पिछले दिनों अवैध कब्जे बुलडोजर की सहायता से दिलवाने के प्रयास भी किए गए और पीडि़तों को भनक पडऩे पर उन्होंने हंगामा मचाया और फिर कलेक्टर ने एसडीएम घनश्याम धनगर को मौके पर भेजा। दरअसल, चार खसरा नम्बरों पर अधिक गड़बड़ी हुई है और फैनी कंस्ट्रक्शन प्रा.लि. के जरिए डागरिया और जैन ने ये अधिकांश भूखंड बेचे और दोनों जेल भी जा चुके हैं और जमानत पर रिहा हैं। जैन से ही जुड़ी रौचक गृह निर्माण संस्था में भी इसी तरह जमीनों की धोखाधड़ी की गई। खसरा नम्बर 257/2/5 में भी किसान ने अग्रवाल के पक्ष में रजिस्ट्री करवा दी और कई जमीनों पर इसी तरह की गड़बडिय़ां की, जिनमें से अधिकांश पर भूखंडों की रजिस्ट्रियां 2007 में ही हो चुकी थी। जनसुवाई में भी लगातार प्रिसेंस इस्टेट के भूखंडधारी शिकायतों को लेकर पहुंचते रहे हैं, जिसके चलते कुछ समय पूर्व और फिर अभी समस्याओं के निराकरण हेतु शिविर आयोजित किया गया, जिसमें संयुक्त कलेक्टर श्रीमती रोशनी वर्धमान, एसडीएम धनगर सहित अन्य राजस्व अमला मौजूद रहा।

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