नई दिल्ली (New Delhi)। अमेरिका, जापान (Japan)और ऑस्ट्रेलिया यानी QUAD देशों के साथ मिलकर भारत अब बंगाल (New Delhi)की खाड़ी में खास अभ्यास को अंजाम (carry out the exercise)देने वाला है। खबर है कि 28वें मालाबार नौसैनिक अभ्यास में अब तक किसी 5वें देश को बुलाने की योजना नहीं बनाई गई है। हालांकि, अब तक सेना की तरफ से आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है। खास बात है कि यह सब ऐसे समय पर होने जा रहा है, जब चीन साउथ चाइना सी में लगातार ताकत दिखा रहा है और इंडियन ओशियन रीजन यानी IOR में मौजूदगी दर्ज करा रहा है।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अभ्यास अक्टूबर में भारत के पूर्वी समुद्री क्षेत्र में होगा। इस दौरान पनडुब्बी रोधी युद्ध पर खासतौर से ध्यान दिया जाएगा। रिपोर्ट के अनुसार, सूत्र बताते हैं, ‘मालाबार अभ्यास में जटिल, एंटी एयर और एंटी समबरीन वारफेयर ड्रिल्स होंगी। इसके साथ ही कई एडवांस एक्सरसाइज भी होंगी। अब तक किसी अन्य 5वें देश को बुलाने की योजना नहीं है।’
चीन फैक्टर
कहा जा रहा है कि अधिकांश देशों की नजरें चीन पर ही सबसे ज्यादा जमी हुईं हैं। दरअसल, 355 युद्धपोतों और सबमरीन वाले दुनिया की सबसी बड़ी नौसेना चीन के पास है। साथ ही वो साउथ चाइना सी में पड़ोसियों और खासतौर से फिलिपीन्स को मजबूत कर रहा है। इसके अलावा उसने कुछ आर्टिफिशियल आइलैंड्स भी तैयार किए हैं।
IOR में भी चीन की बढ़ती मौजूदगी चिंता का विषय बनती जा रही है। रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने अगस्त 2017 में जिबूती में अपना पहला ओवरसीज बेस तैयार कर लिया था और अब वह अफ्रीका के पूर्वी तट पर फिर लॉजिस्टिक्स से जुड़ी सुविधाएं तलाश रहा है। अखबार को सूत्रों ने बताया, ‘तंजानिया, मोजाम्बिक, मैडागास्कर और कोमरोस जैसे कई देशों में चीन दांव चल रहा है।’
उन्होंने कहा, ‘बीजिंग के पास पाकिस्तान के ग्वादर और कराची के बंदरगाहों तक बेरोक टोक आवाजाही है। एंटी पाइरेसी एस्कोर्ट फोर्सेज के हिस्से के तौर पर चीनी युद्धपोतों की IOR में भी मौजूदगी है।’ साथ ही चीन के सर्वे और रिसर्च जहाजों के साथ-साथ सैटेलाइट और मिसाइल ट्रैकिंग जहाज IOR में लगभग हमेशा मौजूद रहते हैं।
एक सूत्र ने अखबार को बताया, ‘मालाबार अभ्यास चार देशों के मजबूत रिश्तों, साझा मूल्यों और स्वतंत्र, समावेशी इंडो-पैसिफिक सुनिश्चित करने की सामूहिक क्षमता के बारे में है, जिसे चीन बाधित करने की कोशिश कर रहा है।’
मालाबार अभ्यास की शुरुआत भारत और अमेरिका के बीच साल 1992 में शुरु हुई थी, जिसका अब जापान और ऑस्ट्रेलिया भी हिस्सा बन चुके हैं। बीते साल अगस्त में इसे सिडनी में आयोजित किया गया था। वहीं, 2022 में जापान के योकोसुका में इसे आयोजित किया गया था।
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