माले: मालदीव (Maldives) के चीनपरस्त (pro-China) राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू (President Mohamed Muizzu) अपने ही देश में घिर गए हैं। मुइज्जू ने राष्ट्रपति बनने के बाद राजनीतिक पदों पर और नियुक्तियां रोकने का किया गया अपना ही वादा तोड़ दिया है। 5 फरवरी को अपने पहले राष्ट्रपति संबोधन में मुइज्जू ने कहा था कि देश में राजनीतिक पदों में वृ्द्धि नहीं की जाएगी। उन्होंने तब कहा था कि सरकारी खर्च को कम करने के लिए उनकी सरकार ने राजनीतिक पदों पर और नियुक्तियां नहीं करने का फैसला किया है। मालदीव के मीडिया पोर्टल अधाधू के अनुसार, मोहम्मद मुइज्जू के वादे के बाद भी उनकी सरकार में जमकर राजनीतिक नियुक्तियां की गई हैं।
फरवरी में मुइज्जू ने कहा कि, ‘सरकार की योजना देश की वित्तीय स्थिति को सुधारने और कर्ज तथा राजकोषीय स्थिति को एक स्थायी स्तर पर लाने के लिए अपनी स्वयं की सुधार नीति तैयार करने और उसे लागू करने की है। मेरा मानना है कि यह देश के आर्थिक और वित्तीय भविष्य के लिए आवश्यक है।’ उन्होंने आगे कहा था, ‘इसी तरह, सरकार के खर्चों को कम करने के लिए, मैंने असाधारण स्थितियों को छोड़कर वरिष्ठ राजनीतिक पदों पर और लोगों को नियुक्त नहीं करने का निर्णय लिया है।’
विपक्ष ने संसद में दायर किया प्रस्ताव
अधाधू की रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रपति की घोषणा के बाद भी और अधिक राजनीतिक नियुक्तियां की जा रही हैं। इसके साथ ही मुइज्जू सरकार इन नियुक्तियों को छिपाने में भी लगी है। राष्ट्रपति कार्यालय और वित्त मंत्रालय ने राजनीतिक पदों पर नियुक्तियों की कुल संख्या का खुलासा करने से इनकार कर दिया है। विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) ने पिछले बुधवार को बिना किसी नोटिस के राजनीतिक नियुक्तियों की संख्या का खुलासा न करने पर बहस करने के लिए एक प्रस्ताव दायर किया।
यह प्रस्ताव पारित नहीं हुआ क्योंकि सत्तारूढ़ पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) के बहुमत ने इस पर बहस करने की इच्छा नहीं जताई। मुइज्जू सरकार सरकार ने राजनीतिक नियुक्तियों को 700 से अधिक नहीं रखने के वादे के साथ पदभार संभाला था। अधाधू ने विभिन्न स्रोतों से प्राप्त जानकारी के आधार पर बताया है कि यह आंकड़ा 2,000 के करीब है।
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