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    MP के किसानों को तोहफा, अब सिंचाई रकबा होगा दोगुना; मोहन सरकार ने बताया प्‍लान

  • July 07, 2024

    नई दिल्‍ली(New Delhi) । मध्यप्रदेश सरकार (madhya pradesh government)ने किसानों के लिए खुशखबरी(Good News) दी है। जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट(Minister Tulsiram Silawat) ने कहा है कि प्रदेश(State) में अगले 5 वर्षों में सिंचाई का रकबा दोगुना(Irrigation area doubled) किया जाएगा। वर्तमान वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में निर्माणाधीन सिंचाई परियोजनाओं और नए कामों के लिए पर्याप्त प्रावधान किया गया है। इससे प्रदेश में सिंचाई के क्षेत्र में बढ़ोत्तरी होगी।

    इस बारे में जानकारी देते हुए सिलावट ने कहा है कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में प्रदेश में सिंचाई की सुविधा के निरंतर विस्तार के साथ ही जल के अधिकतम उपयोग की व्यवस्था सुनिश्चित करने की दिशा में सरकार उल्लेखनीय कार्य कर रही है। प्रदेश में वर्ष 2003 में सिंचाई की स्थिति बहुत खराब थी। वर्तमान में प्रदेश के सिंचाई क्षमता लगभग 50 लाख हेक्टेयर हो गई है। इसे वर्ष 2025-26 तक 65 लाख हेक्टेयर एवं वर्ष 2028-29 तक एक करोड़ हेक्टर सिंचाई का रकबा किए जाने का हमारा लक्ष्य है।


    उन्होंने कहा कि पर ड्रॉप मोर क्रॉप के उद्देश्य की पूर्ति के लिए प्रदेश में 133 बृहद एवं मध्यम प्रेशराइजड सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली आधारित परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इन परियोजनाओं के पूर्ण होने पर लगभग 48 लाख हैक्टर सिंचाई क्षमता संवर्धित होगी। इसी प्रणाली का उपयोग कर प्रदेश पूर्व निर्मित सिंचाई परियोजनाओं के अतिशेष जल से अतिरिक्त सिंचाई क्षेत्र विकसित करने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने बताया कि केन-बेतवा लिंक परियोजना की अनुमानित लागत 44 हजार 605 करोड़ रुपए है। यह बुंदेलखंड क्षेत्र के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए वरदान है। परियोजना के पूर्ण होने पर प्रदेश के 10 जिलों के 01 हजार 900 ग्रामों में 8 लाख 11 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में वार्षिक सिंचाई सुविधा के साथ 41 लाख की आबादी को पेयजल की सुविधा उपलब्ध होगी। इसके अतिरिक्त इस परियोजना से 130 मेगावाट विद्युत उत्पादन भी होगा।

    इस बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश की राजस्थान के साथ एमओयू अनुसार पार्वती-कालीसिंध-चंबल अंतर्राज्यीय नदी लिंक परियोजना के निर्माण संबंधी सैद्धांतिक सहमति हुई है। इस परियोजना से प्रदेश के 10 जिलों में 04 लाख हेक्टेयर नवीन सिंचाई क्षमता संवर्धित होगी तथा पेयजल एवं उद्योग के लिए भी जल उपलब्ध होगा। नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण के द्वारा मध्य प्रदेश को आवंटित 18.25 एमएएफ नर्मदा जल का उपयोग सुनिश्चित करने के लिए सिंचाई परियोजनाओं का क्रियान्वयन तेजी से किया जा रहा है। नर्मदा घाटी की समस्त सिंचाई परियोजनाओं के पूर्ण होने पर लगभग 28 लाख 41 हजार 111 हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण एवं संधारण के लिए वर्ष 2024-25 में 13 हजार 596 करोड़ रुपए का प्रावधान प्रस्तावित है।

    जल संसाधन विभाग के इस बजट में सिंचाई के लिए किए गए प्रमुख प्रावधानों में बांध तथा संलग्न कार्य के लिए 2860 करोड़ रुपए, नहर तथा उनसे संबंधित निर्माण कार्य के लिए 1197 करोड़ रुपए, कार्यपालिक स्थापना के लिए 1071 करोड़ रुपए, लघु एवं लघुतम सिंचाई योजनाओं के लिए 631 करोड़ रुपए, सिंचाई एवं पेयजल योजनाओं का सौर ऊर्जीकरण के लिए 200 करोड रुपए, केन-बेतवा लिंक राष्ट्रीय परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपए, बांध एवं नहरें के लिए 116 करोड़ रुपए तथा नहरें एवं तालाबों के लिए 110 करोड रुपए का प्रावधान शामिल हैं।

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