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    MP: सत्ता की ताकत और भाजपा संगठन के मजबूत नेटवर्क के बीच संभावना टटोलती कांग्रेस

  • July 06, 2024

    • अमरवाड़ा उपचुनाव, जिस ब्लॉक में लोकसभा चुनाव में 6000 वोट से जीती थी भाजपा, वहां मुख्यमंत्री ने किया रात्रि विश्राम
    • कमलनाथ ने तीन दिन में कई सभाएं लीं, अब नकुल नाथ घूम रहे हैं गांव-गांव
    • पटवारी ने 8 दिन प्रचार किया, जातिगत समीकरण साधने में लगी कांग्रेस
    • आज से और मोर्चा संभालेंगे दोनों पार्टियों के कई बड़े नेता

    इंदौर, अरविंद तिवारी।
    प्रतिष्ठा का प्रश्न बन चुके अमरवाड़ा (Amarwada) उपचुनाव (By-elections) में बड़ी जीत अपने पक्ष में करने के लिए भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) ने पूरी ताकत झोंक दी है। भाजपा सत्ता की ताकत और संगठन (organization) की रणनीति (Strategy) के दम पर यह किला फतह करना चाहती है, वहीं कांग्रेस जातिगत-सामाजिक समीकरण को भुनाने में कोई कसर बाकी नहीं रख रही है।


    लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 29 सीटें जीतने वाली भाजपा इस चुनाव को कितनी गंभीरता से ले रही है इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि अमरवाड़ा तहसील के जिस छिंदी ब्लॉक में भाजपा उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में 6000 वोट से जीते थे, वहां भी कोई जोखिम न उठाते हुए भाजपा ने मुख्यमंत्री की सभा करवाई और रात्रि विश्राम भी एक आदिवासी परिवार में ही रखा। मुख्यमंत्री चुनाव की तारीख घोषित होने के बाद से अभी तक अमरवाड़ा के कई दौरे कर चुके हैं। प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा जहां मंडल स्तर तक बैठक करने के साथ ही बूथ स्तर के कामकाज पर भी नजर रखे हुए हैं। यहां भाजपा की रणनीति के सारे सूत्र संगठन महामंत्री हितानंद ने संभाल रखे हैं। वह पिछले 1 महीने में ज्यादातर इसी क्षेत्र में रहे। कांग्रेस से भाजपा में आए और इस क्षेत्र की तासीर को बारीकी से समझने वाले पूर्व मंत्री दीपक सक्सेना यहां पूरी ताकत से लगे हुए हैं। छिंदवाड़ा के महापौर विक्रम अहके उनके मददगार की भूमिका में हैं। आदिवासी वोटों को साधने के लिए मंत्री संपतिया उईके पहले से ही यहां तैनात हैं। आज से मंत्री विजय शाह भी वहां मोर्चा संभाल लेंगे। इस क्षेत्र से बहुत नजदीक का वास्ता रखने वाले मंत्री प्रहलाद पटेल भी अगले दो-तीन दिन यहां रहेंगे। पटेल छिंदवाड़ा से लोकसभा चुनाव लडक़र कमलनाथ को कड़ी टक्कर दे चुके हैं। यहां लोधी वोटों का भी बाहुल्य है।

    पटवारी ने सघन जनसंपर्क किया
    कांग्रेस भी अपने उम्मीदवार धीरेंद्र शाह की जीत तय करने के लिए कोई कसर बाकी नहीं रख रही है। शाह की मजबूत धार्मिक पारिवारिक पृष्ठभूमि का उन्हें पूरा फायदा मिल रहा है। यहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी कांग्रेस के मुख्य रणनीतिकार की भूमिका में हैं। वे सघन जनसंपर्क के साथ ही सभाएं ले रहे हैं। चुनाव प्रबंधन में लगे लोगों की लगातार बैठकें हो रही हैं और जहां स्थानीय नेटवर्क मजबूत नहीं है, वहां उन्होंने अपने भरोसेमंद लोगों को भी तैनात कर रखा है। विदेश प्रवास से लौटने के बाद 2, 3 और 4 जुलाई को कमलनाथ ने इस क्षेत्र में कई सभाएं की। भाजपा उम्मीदवार उनके सीधे निशाने पर रहे और उन्होंने शाह को धोखेबाज बताते हुए यहां की जनता से उन्हें सबक सिखाने का आग्रह किया। नकुलनाथ 4 जुलाई से यहां सक्रिय हुए और 8 जुलाई तक यही रहेंगे। वे स्थानीय कांग्रेस नेताओं के साथ गांव-गांव पहुंच रहे हैं और लोगों के बीच बैठकर उनसे संवाद कर रहे हैं। कांग्रेस ने क्षेत्र में बाहरी नेताओं की भीड़ बढ़ाने के बजाय सामाजिक और जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए महाकौशल क्षेत्र के उन चुनिंदा नेताओं को यहां जिम्मेदारी सौंपी है, जो वोटों के समीकरण को उसके पक्ष में कर सकते हैं। इन नेताओं में पूर्व मंत्री और विधायक भी शामिल हैं। इनकी सेक्टरवार जिम्मेदारी तय की गई है।

    भाजपा के कई बड़े नेता पन्ना प्रभारी की भूमिका में
    भाजपा की कोशिश यह है कि पिछले चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में कमलेश शाह लगभग 25000 वोटों से चुनाव जीते थे। इस बार जीत का अंतर इससे ज्यादा होना चाहिए। इसी के मद्देनजर वह कोई कसर बाकी नहीं रख रही है। मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा यहां तैनात नेताओं से सतत संपर्क में हैं और जो फीडबैक मिल रहा है उसी के मुताबिक रणनीति में बदलाव भी किया जा रहा है। भाजपा के कई बड़े नेता यहां पन्ना प्रभारी की भूमिका में नजर आ रहे हैं।

    अपनी टीम को भी तैनात किया है पटवारी ने
    अमरवाड़ा उपचुनाव में तैनात किए गए कांग्रेस नेताओं के साथ ही पटवारी ने अपनी टीम के कुछ सदस्यों को भी यहां तैनात किया है। यह नेता उन्हें जिन नेताओं को अलग-अलग जिम्मेदारी सौंप गई है, उनके कामकाज का फीडबैक देने के साथ ही पार्टी की मैदानी गतिविधियों से भी रोज अवगत करवाते हैं।

    उमंग आज से मोर्चा संभालेंगे यादव तन्खा और राहुल नहीं पहुंचे
    विधानसभा सत्र में व्यस्त होने के कारण नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार अपने उम्मीदवार का नामांकन दाखिल करवाने के बाद अभी तक अमरवाड़ा नहीं पहुंचे थे। वे आज अमरवाड़ा पहुंच रहे हैं और 2 दिन वहीं रहकर कई सभाएं लेंगे और जनसंपर्क करेंगे। प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष अरुण यादव, नेता प्रतिपक्ष रहे अजयसिंह राहुल और महाकौशल की राजनीति में अच्छा खासा दबदबा रखने वाले राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा अभी तक अमरवाड़ा नहीं गए हैं।

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