तेहरान: इब्राहिम रईसी (Ebrahim Raisi) की हेलिकॉप्टर हादसे में मौत के बाद ईरान (Iran) को नया राष्ट्रपति मिल गया है। ईरान में राष्ट्रपति (President) पद के लिए हुए चुनाव में सुधारवादी नेता मसूद पेजेश्कियान (Masoud Pezeshkian) ने रूढ़िवादी सईद जलीली (Saeed Jalili) को हरा दिया है। मसूद अकेले सुधारवादी उम्मीदवार थे, जिनको चुनाव लड़ने की इजाजत दी गई थी। हार्ट सर्जन से राजनीति में आए अनुभवी सांसद और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री मसूद पेजेश्कियान ने आश्चर्यजनक रूप से विरोधियों को पीछे छोड़ते हुए जीत दर्ज की है। मसूद को ईरान के लॉ प्रोफोइल और चमक-दमक से दूर रहने वाले राजनेताओं में गिना जाता है। मसूद 2008 से उत्तर-पश्चिमी शहर ताब्रीज से सांसद हैं। पेजेश्कियान ने मोहम्मद खातमी की सरकार में 2001 से 2005 तक स्वास्थ्य मंत्री का पद संभाला था।
ईरान-भारत के रिश्तों पर क्या होगा असर
ईरान के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियन के प्रमुख वादों में व्यावहारिक विदेश नीति को बढ़ावा देने, 2015 के परमाणु समझौते को पुनर्जीवित करने के लिए प्रमुख शक्तियों के साथ रुकी हुई बातचीत पर तनाव कम करने और सामाजिक उदारीकरण और राजनीतिक बहुलवाद की संभावनाओं में सुधार करने का वादा किया है। माना जा रहा है कि वह ईरान के साथ तेजी से बढ़ते परमाणु कार्यक्रम को लेकर तनावपूर्ण गतिरोध से शांतिपूर्ण तरीके से बाहर निकल सकते हैं।
69 साल के मसूद के चुनाव जीतने के बाद ये भी सवाल है कि क्या उनके आने से ईरान और भारत के रिश्तों में भी क्या कोई बदलाव देखने को मिल सकता है। इस पर भारत में ईरान के राजदूत इराज इलाही ने कहा है कि भारत और ईरान के रिश्ते मजबूत हैं और आगे इनको और भी बेहतर किया जाएगा। इलाही ने कहा कि किसी भी के राष्ट्रपति बनने से भारत के साथ ईरान की विदेश नीति में कोई बदलाव नहीं होगा।
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