उज्जैन। परिवहन विभाग के लिए प्रदेशभर में काम करने वाली स्मार्ट चिप कंपनी ने काम बंद कर दिया। इसके पीछे परिवहन विभाग और स्मार्ट चिप कंपनी के बीच भुगतान को लेकर चला आ रहा मसला और टेंडर रिन्यूअल न होना है।
मंगलवार को स्मार्ट चिप कंपनी के प्रतिनिधियों व कर्मचारियों ने कार्यालय में ताले डाल दिए जिसके बाद मुख्यालय सहित पूरे विभाग में हड़कंप मच गया। कंपनी का टेंडर 30 जून 2024 को खत्म हो गया है। कंपनी का 88 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित है, जिसको लेकर यह विरोध किया जा रहा है। स्मार्ट चिप कंपनी के पास ड्राइविंग लाइसेंस से लेकर वाहनों के रजिस्ट्रेशन का काम है, जिसके बाद अब यह कार्य प्रभावित होगा। वहीं, परिवहन विभाग के अधिकारी इसको लेकर कुछ भी कहने से बच रहे हैं, इस मुद्दे को लेकर मंगलवार शाम अधिकारियों की बैठक भी हुई।
स्मार्ट चिप कंपनी को लेकर कोर्ट में भी मामला
बता दें कि 2003 से गुडग़ांव की स्मार्ट चिप कंपनी परिवहन विभाग के लिए ड्राइविंग लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन कार्ड बनाने का काम कर रही है, बीच-बीच में इस कंपनी और परिवहन विभाग के बीच विवाद हुए और काम होल्ड हुआ। स्मार्ट चिप कंपनी को लेकर कोर्ट में भी मामला पहुंच चुका है जिसके याचिकाकर्ता की ओर से नि:शुल्क सेवा की बजाए राशि लिए जाने की शिकायत की गई थी। स्मार्ट चिप कंपनी का काम दो से तीन बार नवीनीकृत किया जा चुका है, हाल में ही तत्कालीन परिवहन आयुक्त एसके झा ने इस कंपनी के काम को एक साल के लिए नवीनीकरण की अनुमति प्रदान की थी।
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