नई दिल्ली: भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी (Lal Krishna Advani) को गुरुवार शाम अपोलो अस्पताल से छुट्टी (Discharged from Apollo Hospital) मिल गई है. 96 साल के आडवाणी को बुधवार रात अस्पताल में भर्ती कराया गया था. न्यूरोलॉजी के वरिष्ठ सलाहकार डॉक्टर विनीत सूरी (Dr Vineet Suri, Senior Consultant, Neurology) की निगरानी में उनका इलाज चला. एक सप्ताह पहले भी हालत बिगड़ने पर भारत रत्न लालकृष्ण आडवाणी को देर रात 10.30 बजे एम्स के यूरोलॉजी विभाग में भर्ती कराया गया था. इसके अगले दिन उनको हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई थी.
इस साल की शुरुआत में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बीजेपी के बुजुर्ग नेता को देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था. इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और कई अन्य वरिष्ठ नेता भी शामिल हुए थे. आडवाणी की उम्र को देखते हुए उनके आवास पर ही कार्यक्रम का आयोजन किया गया और उन्हें भारत रत्न से नवाजा गया. साल 2015 में उन्हें देश के दूसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म विभूषण से भी नवाजा गया था.
8 नवंबर, 1927 को अविभाजित भारत के कराची शहर में जन्मे आडवाणी लंबे समय तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे. उनका राजनीतिक सफर कई दशकों तक चला, इस दौरान वह 1999 से 2004 तक अटल बिहारी वाजपेयी की अगुवाई वाली सरकार में गृह मंत्री और फिर उप प्रधानमंत्री (2002 से 2004 तक) समेत कई अहम पदों पर काम किया.
आडवाणी का जन्म 8 नवंबर 1927 को सिन्ध प्रांत (पाकिस्तान) में हुआ था. वो कराची के सेंट पैट्रिक्स स्कूल में पढ़ें हैं. 1980 से 1990 के बीच आडवाणी ने भाजपा को राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने के लिए काम किया. इसका परिणाम तब देखने को मिला, जब 1984 में महज 2 सीटें हासिल करने वाली पार्टी को लोकसभा चुनावों में 86 सीटें मिलीं. जो उस समय के लिहाज से काफी बेहतर प्रदर्शन था.
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