हाथरस (Hathras)। नारायण साकर विश्व हरि (Narayan Sakar Vishwa Hari) या ‘भोले बाबा’ (Bhōlē bābā) के अनुयायी उन्हें पूजते हैं. उनका मानना है कि वह एक डॉक्टर हैं जो इलाज करते हैं. वह एक भूत भगाने वाले हैं जो बुरी आत्माओं से छुटकारा दिलाते हैं. ‘भोले बाबा’ के अनुयायी मानते हैं कि वह एक जादुई शक्तियों वाले भगवान हैं जो उनकी इच्छाएं पूरी कर सकते हैं. स्थानीय धर्मगुरु ‘भोले बाबा’ ने हाथरस में ‘सत्संग’ को संबोधित किया था. जहां मंगलवार को भगदड़ मची थी. जिसमें बुधवार तक मरने वालों की संख्या 121 हो गई. वास्तव में जादुई शक्तियों के उनके कथित दावे के कारण साकार विश्व हरि भोले बाबा बने सूरज पाल सिंह केदार नगर में चमत्कारी शक्ति से लड़की को जिंदा करने के मामले में 24 वर्ष पहले जेल भेजे गए थे। उनके साथ एक महिला समेत छह लोग भी साथ में जेल गए।
‘भोले बाबा’ दलित परिवार से हैं
कई लोगों ने कहा कि उन्हें ‘भोले बाबा’ की ओर आकर्षित करने वाली बात यह थी कि वे भी दलित परिवार से थे. वे कोई प्रसाद भी नहीं मांगते थे. अपनी बहन तारामती के साथ सत्संग में आई उर्मिला देवी ने कहा कि बाबा कुछ भी नहीं लेते या मांगते हैं. अपने सत्संग में वे हमें झूठ नहीं बोलने और मांस, मछली, अंडा और शराब नहीं खाने के लिए कहते थे. विधवा तारामती भी घायलों में शामिल हैं. दोनों बहनें मथुरा की रहने वाली हैं.
ज्यादातर महिला भक्त 40-70 वर्ष की
यह चौथी बार था जब तारामती ‘भोले बाबा’ के सत्संग में भाग ले रही थी, और उसने अपनी बहन को इस बार शामिल होने के लिए कहा था. दोनों बहनों की तरह भोले बाबा के ज्यादातर महिला भक्त 40-70 वर्ष की आयु वर्ग की हैं. तारामती ने अस्पताल के बिस्तर से कहा कि जब सत्संग खत्म हो रहा था, तब भोले बाबा ने कहा कि ‘आज प्रलय आएगी, और फिर प्रलय आ गई.’
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