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    लहराएगा इंदौर, पौधारोपण का आंकड़ा 51 लाख को भी करेगा पार

  • July 03, 2024

    • इंदौर शहर से लेकर जिले तक में हरियाली महोत्सव के लिए गजब का उत्साह
    • 50 लाख 97 हजार 838 पौधे तो सिर्फ 46 सरकारी संस्थान ही लगाएंगे, 2 लाख से ज्यादा पौधे सामाजिक संस्थान और संगठन भी रोपेंगे
    • बिना प्रचार-प्रसार के भी कई जगह होगा पौधारोपण

    इंदौर। प्रदीप मिश्रा
    पौधारोपण महाअभियान (Plantation mega campaign) के दौरान शहर सहित जिले में 51 लाख (51 lakhs) नहीं, बल्कि इससे कहीं ज्यादा पेड़-पौधे लगने जा रहे है। जिला प्रशासन (District Administration) के आंकड़ों के अनुसार वन मंडल, इंदौर नगर निगम (Indore Municipal Corporation), सभी तहसीलों की नगर परिषद, जिला जनपद कार्यालय सहित 46 सरकारी संस्थानों ने ही 50 लाख 97 हजार 838 पेड़-पौधे लगाने की जिम्मेदारी ले ली है। इन सरकारी आंकड़ों में शहर के अलावा कई सामाजिक संगठनों, व्यापारिक संगठनों और प्रतिष्ठान के अलावा औद्योगिक संगठनों ने भी पौधारोपण की जिम्मेदारी उठाई है। इन सैकड़ों संगठनों द्वारा 2 लाख से अधिक पौधे रोपे जाएंगे।


    वन मंडल इंदौर के अनुसार 7 जुलाई से शुरू होने वाले 51 लाख पौधारोपण महाअभियान के लिए चिह्नित लगभग 88 लोकेशन, यानी स्थानों पर 27 लाख 59 हजार 83 से ज्यादा गड्ढे किए जा चुके हैं। हर दिन गड्ढों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अधिकारियों का दावा है कि 5 जुलाई तक पौधारोपण की संख्या के हिसाब से गड्ढे करने का काम पूरा हो जाएगा। 6 जुलाई को पितृ पर्वत पर महामंडलेश्वर साधु-संतों के करकमलों से 7 जुलाई से रेवती रेंज, बिजासन रमणा सहित चिह्नित स्थानों पर एक सप्ताह तक पेड़-पौधे लगाने का काम जारी रहेगा।

    इस महीने में इंदौर जिले के 46 सरकारी संस्थानों के 51 लाख के अलावा कई सामाजिक संस्थान, निजी फर्म और कंपनियों के अलावा सामाजिक संगठन भी सैंकड़ों-हजारों पेड़-पौधे लगा रहे हैं, जिनकी संख्या सरकारी रिकार्ड में शामिल नहीं है। उदाहरण के लिए महात्मा गांधी स्मृति मेडिकल कॉलेज अपनी खाली पड़ी जमीन पर 1500 पेड़ और 2500 पौधे लगा रहा है। इसके अलावा उद्योगपतियों का संगठन एसोसिएशन ऑफ इंडस्ट्री मध्यप्रदेश उन्हें मिलाकर यदि आकलन किया जाए तो 51 लाख से बहुत ज्यादा पेड़-पौधे इंदौर शहर सहित सारे जिले में लगने जा रहे हैं।

    इन चिह्नित स्थानों पर लगेंगे 51 लाख पौधे
    इंदौर के पितृ पर्वत, रेवती रेंज, बिजासन रमणा, उमरियाखुर्द गांव , असरावद गांव, सनावदिया गांव, असरावद खुर्द गांव, महू, मानपुर, आशापुरा गांव , भागीरथी पहाड़ी, चोरल, हातोद , सांवेर , राऊ , गौतमपुरा, देपालपुर सहित तालाब की पालों, बीएसएफ परिसर , एपीटीएस , मूसाखेड़ी, एरोड्रम क्षेत्र, देवगुराडिय़ा , पोलोग्राउंड , सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र के लगभग सभी सेक्टर, बरदरी, जाख्या-भांग्या, अल्फाबीटा, गामा ,पार्क के अलावा पालदा औद्योगिक इलाकों, रहवासी कालोनियों के उद्यान, जनपद पंचायतों, स्कूल-कॉलेज, आईआईटी, आईआईएम, रोड डिवाइडर , बड़ी लंबी और चौड़ी सडक़ों के दोनों तरफ इन सभी जगह के चिह्नित स्थानों पर 51 लाख पेड़-पौधे लगाए जाएंगे।

    यह संस्थान सर्वाधिक पौधे रोपेंगे
    विभाग का नाम पौधों की संख्या
    वन मंडल 22 लाख 67 हजार
    नगर निगम 15 लाख
    हार्टीकल्चर 05 लाख
    जिला पंचायत 03लाख
    विकास प्राधिकरण 02 लाख
    जिला उद्योग केंद्र 01लाख
    महू नगर परिषद 23, 500
    कालोनी सेल विभाग 15,804
    प्रदूषण नियंत्रण विभाग 10,000

    इसके अलावा देपालपुर, गौतमपुरा, सांवेर, बेटमा, राऊ, हातोद, मानपुर नगर परिषद जहां 300 से लेकर ढाई हजार पौधे रोपेगी, वहीं शिक्षा विभाग, आईआईटी, उच्च शिक्षा विभाग, एमपीआईडीसी, राष्ट्रीय राजमार्ग, कृषि विभाग, सडक़ विकास निगम, विद्युत कंपनी 2 से 5 हजार पौधे तक रोपेंगे।

    60 से भी ज्यादा प्रजाति के पेड़-पौधे लगेंगे
    51 लाख महाअभियान के अंतर्गत शहर सहित जिले के चिह्नित स्थानों पर छायादार, फलदार, औषधीय प्रजाति के अलावा बाहरी राज्यों से मंगवाकर कुछ विशेष प्रजाति के पेड़-पौधे भी लगाए जाएंगे। लगभग 20 लाख पौधे तो वन विभाग इंदौर ही लगा रहा है, जिनमें 15 लाख सागवान के रूट सूट शामिल हैं। बाकी पेड़-पौधों की व्यवस्था वन विभाग, नगर निगम उद्यान विभाग, हार्टीकल्चर विभाग, आईडीए ने की है। महाअभियान में अलग-अलग प्रजाति के जो पेड़-पौधे लगाए जाएंगे वह यह हैं।

    वह पौधे जो बड़े होकर छायादार पेड़ बनेंगे
    बरगद ,पीपल ,नीम ,चिरोल, बहेड़ा, तिन्सा ,पाखर, खम्हेर ,आंवला, महुआ, कबीट, इमली, बेलपत्र, अर्जुन, काला सिरस, सफेद सिरस, अंजन, कुसुम, अचार, खिरनी, लसौड़ा, महोगनी, महानीम, वुल्लु, बीजा, हल्दू, गूलर, कपोक, सेमल, खुरासानी इमली, तेंदू हर्रा।

    फल-फूल वाले छोटे पेड़
    हरसिंगार, मीठा नीम, सीताफल, कचनार, अमलतास, सिस्सू, शहतूत, सहजन, शमी, पारसपीपल, कनेर, तिकोमा, गुड़हल, अंजीर, गुलटर्रा, मधुकामनी, गद्य पलाश, सिंदूर दूधी, चंपा, रातरानी।

    बड़े -छोटे पेड़ों के अलावा औषधीय पौधे भी
    छायादार, फलदार पेड़-पौधों के अलावा आयुर्वेद से संबंधित कई प्रजाति के औषधीय पौधे भी लगाए जाएंगे। लगाए जाने वाले औषधीय पौधों में शतावर, अश्वगंधा, निर्गुंडी, पत्थरचट्टा, इंसुलिन, एलोवेरा, सर्पगंधा, तुलसी की विभिन्न प्रजातियां, गिलोय, हरजोड़ सहित कई जड़ी-बूटी वाले पौधे शामिल हैं।

    सैटेलाइट नेटवर्क से निगरानी करेंगे
    शहर और जिले में लगाए गए सभी पौधे बिना नुकसान व बाधा के पेड़ बन सकें , इसलिए इनकी सुरक्षा, रखरखाव के लिए फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया के सैटेलाइट नेटवर्क के जरिये गूगल जीपीएस के माध्यम से लगातार निगरानी की जाएगी।
    महेंद्रसिंह सोलंकी, डीएफओ, वन विभाग, इंदौर

    विजयवर्गीय से पर्यावरण प्रेमियों की उम्मीदें बढ़ीं
    नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के 51 लाख पौधे के महाअभियान में इंदौर सहित सारे जिले, तहसील में गजब का उत्साह नजर आ रहा है। मंत्री विजयवर्गीय की दिन हो या रात सभी अधिकारियों सहित सामाजिक संस्थानों, संगठनों से लगातार बैठकें, जनसंपर्क और अथक मेहनत ने इस महाअभियान को हरियाली महोत्सव में तब्दील कर दिया है। इस वजह से पर्यावरणप्रेमी संस्थाओं और लोगों की मंत्री विजयवर्गीय से इस मामले में ज्यादा उम्मीदें बढ़ गई हैं। पहली उम्मीद तो यह कि सभी पर्यावरणप्रेमी चाहते हैं कि यह 51 लाख पौधे बड़े होकर संपूर्ण पेड़ बनें। दूसरी उम्मीद यह है कि विधानसभा और नगर निगम में ऐसा विधान बने कि कहीं भी कोई एक पेड़ भी न काट सके।

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