रंगून: म्यांमार (Myanmar) में सेना (army) और विद्रोहियों (Rebels) के बीच जारी जंग एक बार फिर से भारत की सीमा (Indian border) के पास पहुंच गई है। म्यांमार के विद्रोहियों ने सरकारी सेना के खिलाफ पश्चिम चिन (West Chin) राज्य में नए हमले शुरू किए हैं। इससे एक बार फिर से म्यांमार की लड़ाई भारत और बांग्लादेश (Bangladesh) की सीमा तक पहुंच गई जिससे इस बात की अब आशंका बढ़ गई है कि इसका असर भारतीय राज्य मिजोरम तक पहुंच सकता है। म्यांमार के एक बड़े हिस्से पर कब्जा कर चुके व्रिदोहियों ने सरकारी सेना को देश के अन्य हिस्सों से भी उखाड़ फेंकने के लिए नया सैन्य अभियान शुरू किया है। चिन राज्य में चलाए जा रहे इस अभियान की कमान चिन ब्रदरहुड ग्रुप ने संभाल रखी है।
रिपोर्ट के मुताबिक वहीं विद्रोहियों के दो गुटों के बीच में आपस में भी लड़ाई शुरू हो गई है। इससे हालात और ज्यादा खराब हो गए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय सेना ने चिन राज्य में चल रही गतिविधियों को लेकर पूरी सतर्कता बरत रखी है और हालात पर नजर बनाए हुए है। म्यांमार का चिन राज्य देश के सबसे गरीब इलाके में आता है। चिन राज्य और भारत के मिजोरम राज्य के बीच में 510 किमी लंबी खुली सीमा है जहां कोई बाड़ नहीं लगाई गई है। एक भारतीय सैन्य अधिकारी ने बताया कि ताजा लड़ाई सरकारी सेना और विद्रोहियों के बीच में बांग्लादेश की सीमा के पास हुई है लेकिन हम इसे हल्के में नहीं ले सकते हैं।
भारत और म्यांमार के बीच व्यापार बंद
एक दूसरे सूत्र ने कहा कि चिन राज्य में हालात बहुत तेजी से बदल रहे हैं। उन्होंने बताया कि जुंटा सेना ने एक नदी पुल को उड़ा दिया था जिससे मिजोरम और म्यांमार के बीच व्यापार जून से बंद है। विद्रोहियों के कई इलाकों मे आगे बढ़ने के बाद चिन राज्य में सुरक्षा के हालात बहुत खराब हैं। विद्रोही अब मध्य मांडले की ओर बढ़ रहे हैं जहां पर सरकारी सेना के कई महत्वपूर्ण ठिकाने हैं। पीपुल्स डिफेंस फोर्स ने दावा किया है कि उसने जुंटा सेना के एयर डिफेंस बटालियन और 8 अन्य सैन्य अड्डों को मांडले में जब्त कर लिया है।
म्यांमार की निर्वासित सरकार ने बताया कि ताजा लड़ाई पूर्वी शान राज्य में भी शुरू हो गई है जहां सरकारी सेना ने चीन के कराए सीजफायर का उल्लंघन किया था। हलैंग ने कहा, ‘पीपुल्स डिफेंस फोर्स ने चिन राज्य के मतूपी कस्बे के चारों ओर अपनी बढ़त बना ली है और पिछले सप्ताह अराकान आर्मी ने रखाइन राज्य में थांडवे एयरपोर्ट को अपने कब्जे में ले लिया था। बता दें कि भारतीय विदेश मंत्री म्यांमार में चल रहे गृहयुद्ध पर गहरी चिंता जताई है। भारत ने मदद का ऑफर भी दिया है।’
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