नई दिल्ली (New Delhi) । दिल्ली सरकार (Delhi Government) द्वारा संचालित लोक नायक अस्पताल के एक ब्लॉक के निर्माण की अब सर्तकता विभाग जांच करेगा। उप राज्यपाल वीके सक्सेना (lieutenant governor vk saxena) ने लोक नायक अस्पताल (Lok Nayak hospital) के नए ब्लॉक के निर्माण में खर्च किए गए 670 करोड़ रुपये की CVC से जांच कराए जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इसी के साथ उप राज्यपाल ने एक कमेटी बनाए जाने का भी आदेश दिया है जो इस बात की जांच करेगी कि 670 करोड़ रुपये खर्च करने में किस तरह प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया है। यह कमेटी 2 महीने के अंदर अपनी रिपोर्ट देगी। यह कमेटी दिल्ली सरकार के अन्य अस्पतालों में भी अभी चल रहे प्रोजेक्ट्स की समीक्षा करेगी।
इधर इस पर जब दिल्ली के सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज से सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘एलजी का काम है सुबह-शाम के जांच के आदेश देना। उन्होंने दिल्ली के लिए क्या किया है? निगरानी विभाग उनके अंदर आता है। वो ऐसा इसलिए करते हैं ताकि मीडिया सवाल पूछे।’ एलजी कार्यालय की तरफ से जारी एक आधिकारी नोट में कहा गया है कि लोक नायक अस्पताल में एक अतिरिक्त ब्लॉक बनाने के लिए 465 रुपये का टेंडर निकाला गया। यह बढ़कर 1,135 करोड़ रुपया हो गया। इसकी वजह से दिल्ली सरकार पर 670 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार पड़ा।
एलजी ने सतर्कता निदेशालय को आदेश दिया कि वो CVC से आग्रह करे कि वो चीफ टेक्निकल परीक्षकों की एक विशेष टीम तैयार करें ताकि वो इस मामले की तकनीकी जांच कर सकें। लोक नायक अस्पताल में नए ब्लॉक के निर्माण का काम 4 नवंबर 2020 से शुरू होना था और 30 महीनों के अंदर इसे पूरा होना था। हालांकि, साढ़े तीन साल गुजर गए लेकिन भी सिर्फ 64 फीसदी काम ही हुआ है। दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने यह प्रोजेक्ट Public Works Department (PWD)को दिया। यह काम 465 करोड़ में होना था लेकिन यह बजट बढ़कर 1135 करोड़ रुपया हो गया।
इससे पहले एलजी ने 22 जून, 2023 को दिल्ली के मुख्यमंत्री को खत लिख अस्पताल के निर्माण में हो रही देरी के बारे में कहा था। इसके साथ ही उन्होंने अस्पताल के निर्माण में ज्यादा खर्च पर भी प्रकाश डाला था। एलजी ने नोट में कहा था कि PWD और प्राइवेट कंस्ट्रक्शन कंपनी के बीच विवाद भी जानकारी सामने आई है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved