उज्जैन। शहर में फर्जी एडवाइजरी का जाल फैलता जा रहा है। शहर के तीन थाना क्षेत्र माधवनगर, नीलगंगा और नानाखेड़ा क्षेत्र में सबसे ज्यादा फर्जी एडवाइजरी चल रही है। बावजूद ऐसी फर्जी एडवाइजरी चलाने वाले संचालकों पर पुलिस द्वारा कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि शहर में कई ठग लोग डिमेट अकाउंट खोलने के नाम पर शेयर मार्केटिंग की फर्जी एडवाइजरी चला रहे हैं, वे रोजाना लोगों को लाखों का चूना लगा रहे हैं। खास बात यह है कि इन लोगों के पास सिर्फ डिमेट अकाउंट खोलने का लाइसेंस हैं, लेकिन ये शेयर मार्केट में निवेश करवाकर लाभ पहुँचाने के नाम पर लोगों से लाखों रुपये अपने निजी खाते में डलवा रहे हैं और बाद में फोन नहीं उठाते। हैरानी की बात यह है कि पुलिस मुख्यालय और डीजीपी के निर्देश के बाद भी उज्जैन पुलिस इन्हें बंद नहीं कर पा रही है, जबकि उज्जैन आईजी और एसपी एडवाइजरी बंद करने को लेकर कई बार फरमान जारी कर चुके हैं। बावजूद थाना पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही। इसके पीछे का कारण जानने के लिए जब अग्रिबाण ने विश्वसनीय सूत्रों से जानकारी जुटाई तो पता चला कि शहर के माधवनगर, नानाखेड़ा और नीलगंगा थाना क्षेत्र में रोज लाखों रुपए की अवैध कमाई इन फर्जी एडवाइजरी द्वारा की जा रही है और इसमें से मोटी रकम पुलिस को भी पहुँच रही है। यही कारण है कि इन फर्जी एडवाइजरी पर अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई पुलिस की तरफ से नहीं की जा रही है। फ्रीगंज में माधवनगर थाना क्षेत्र के आसपास और दवा मार्केट में कई जगह फर्जी एडवाइजरी के दफ्तर खुले हुए हैं। एक भाजपा के पूर्व पार्षद के मकान तक में एडवाइजरी का अवैध रूप से संचालन हो रहा है। यहाँ कुछ लोगों ने किराए से एडवाइजरी के लिए ऑफिस लिया हुआ है। इसी तरह नानाखेड़ा थाना क्षेत्र के बसंत विहार कॉलोनी में वेदा हॉस्पिटल के सामने बिल्डिंग के दूसरे फ्लोर पर अवैध रूप से एडवाइजरी दफ्तर चल रहा है, वहीं नानाखेड़ा थाने के समीप सी-21 मॉल तथा उसके आसपास के एरिया में एडवाइजरी दफ्तर चल रहा है। इसी प्रकार नीलगंगा थाना क्षेत्र में हरिफाटक और उसके आसपास एडवाइजरी का संचालन किया जा रहा है। डिमेट अकाउंट खोलना और अच्छे मुनाफे का लालच देकर ट्रेडिंग सहित अन्य कई फायदे बताते हुए रोज लोगों को लाखों रुपए का चूना लगाया जा रहा है। बकायदा इसके लिए एडवाइजरी चलाने वालों ने लड़के-लड़कियाँ रख रखे हैं। जो इसी काम में सुबह से शाम तक लगे रहते हैं। वे लोगों को फोन लगा रहे हैं और पैसे डलवा रहे हैं। पूर्व में एक-दो बार पुलिस ने दबिश दी वह भी खानापूर्ति जितनी थी। अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है जबकि माधवनगर थाना क्षेत्र में पुलिस कंट्रोल रूम है और एसपी, एएसपी और सीएसपी जैसे पुलिस अधिकारी खुद बैठते हैं। बावजूद इसके एक से दो किलोमीटर एरिया में ही ये फर्जी एडवाइजरी का जाल फैला हुआ है।
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