उज्जैन। बारिश के प्रमुख महीने कहे जाने वाले जुलाई की शुरुआत हो चुकी है। जबकि जून माह में उज्जैन में सिर्फ साढ़े 5 इंच बारिश ही हुई, जिसके बाद अब जुलाई से शहर को अच्छी बारिश की उम्मीद है, ताकि नदी-तालाबों में जल स्तर बढ़े, सूखे बोरिंग और कुएं फिर जीवित हो सकें और अगली गर्मी तक के लिए पानी का स्टॉक हो सके। हालांकि शहर में अभी भी भूजल स्तर 54 फीट नीचे बना हुआ है।
उल्लेखनीय है कि शहर में अभी भी जल संकट का खतरा बना हुआ है। गंभीर डेम में भी 300 एमसीएफटी पानी बचा है। इसमें भी 4 दिन पहले हुई बारिश के कारण डेम में 141 एमसीएफटी पानी बढ़ गया था। इसके बाद से डेम में पानी की आवक रूकी हुई है और शहर में भी उसके बाद से तेज बारिश नहीं हुई है। इधर भूजल अभिलेख कार्यालय के अनुसार मई के महीनें में ही उज्जैन शहर का भूमिगत वाटर लेवल 54.63 फीट नीचे चला गया था। इधर 20 जून के बाद से शहर में मानसून सक्रिय हुआ है। वेधशाला से मिली जानकारी के अनुसार इस वर्ष 1 जून से लेकर 30 जून तक उज्जैन शहर में 140 मिमी अर्थात 5.51 इंच पानी बरस चुका था। इसके बाद कल से शुरु हुए जुलाई के महीनें में दो दिन में मात्र 2 मिमी बारिश हुई है। इसे मिलाकर आज तक हुई कुल बारिश का आंकड़ा 142 मिमी अर्थात 5.62 इंच के करीब आ सका है। ऐसे में जून महीनें में जमीनी जल स्तर में कोई इजाफा नहीं हुआ है। विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई महीना शुरु होने के बावजूद उज्जैन शहर में अभी भी भूजल स्तर 54 फीट से नीचे बना हुआ है। जब तक 15 से 20 इंच पानी नहीं बरसता तब तक इसमें इजाफा नहीं होगा।
आकाश में हैं बादल लेकिन फिर भी तेज बारिश नहीं
कल शहर में सुबह से रात तक रुक-रुककर बूंदा बांदी हुई, लेकिन आंकड़ा सिर्फ 2 मिलीमीटर तक ही पहुंचा। हालांकि बादलों के कारण दिन के तापमान में कमी आई और दिन का अधिकतम तापमान 31 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 1 डिग्री कम था।
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