वकील के सूचना-पत्र से मिली जानकारी, भूखंड बेचकर 35 लाख देना भी बता दिए, शिकायत मिलने पर पुलिस ने एफआईआर भी दर्ज कर ली
इंदौर। तिलक नगर (Tilak Nagar) निवासी 80 साल के बुजुर्ग रविन्द्र कुमार (Ravindra Kumar) ने कनाडिय़ा (kanaadiya) थाने पर एक लिखित शिकायत सौंपी, जिसके आधार पर पुलिस ने भूखंड (plot) की धोखाधड़ी के मामले में एफआईआर (FIR) दर्ज की है। 80 साल के बुजुर्ग को उनके सगे दामाद (son-in-law) ने ही चूना लगा डाला और अंधेरे में रख कागजातों पर हस्ताक्षर करवाकर उनके भूखंड की रजिस्ट्री अपने नाम करवा ली और 36 लाख रुपए से अधिक की राशि भी देना भी बता दी, जबकि बुजुर्ग ससुर को एक रुपया भी नहीं मिला।
कनाडिय़ा पुलिस ने धोखाधड़ी की इस शिकायत के आधार पर आशीष पिता अरविन्द जैन के खिलाफ धारा 420 व अन्य के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया है। दरअसल आरोपी आशीष के साथ शिकायतकर्ता रविन्द्र कुमार की पुत्री प्रीति जैन का विवाह हुआ था। मगर 7 साल पहले पुत्री का निधन हो गया। उस वक्त पुत्री और दामाद बदनावर में रहते थे। पुत्री की मृत्यु के बाद दामाद आशीष के साथ ससुर के संबंध मधुर ही बने रहे और घर पर भी आना-जाना लगा रहा, जिसके चलते कुछ वर्ष पूर्व आरोपी आशीष ने कहा कि वह इंदौर में रहना चाहता है। उसके लिए एक सम्पत्ति खरीदना है। चूंकि वह इंदौर का स्थायी निवासी नहीं है इसलिए उसे बैंक से लोन नहीं मिल पा रहा है और इस लोन के लिए बैंक गारंटर की जरूरत है, जिसके लिए उसने ससुर से मदद मांगी। दामाद पर भरोसा कर ससुर ने बैंक गारंटी के लिए उसे महत्वपूर्ण दस्तावेज पेन कार्ड, आधार कार्ड आदि दे दिए और दामाद ने बताया कि बैंक गारंटी के लिए रजिस्टर्ड डीड बनेगी, जिसके लिए ऑनलाइन स्लॉट की बुकिंग करना पड़ती है। इसके बहाने आरोपी ने ससुर के वैभव नगर स्थित भूखंड की रजिस्ट्री अपने नाम करा ली और जब वकील का सूचना-पत्र मिला तब ससुर को इस धोखाधड़ी की जानकारी लगी और फिर उन्होंने अपने अभिभाषक श्री सोनकर की मदद से दामाद द्वारा की गई धोखाधड़ी की शिकायत कनाडिय़ा थाने पर दर्ज करवाई।
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