नई दिल्ली (New Delhi)। लोकसभा में स्पीच (Speech in Lok Sabha) के दौरान कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अग्निवीर का मामला (Agniveer’s case) उठाया और यहां तक कहा कि अगर इंडिया गठबंधन की सरकार आई तो वे इसे खत्म कर देंगे. राहुल गांधी ने दावा किया कि अग्निवीर में इतनी बड़ी खामियां हैं कि अगर कोई शहीद हो जाए, तो उसके परिवार को एक भी पैसा नहीं मिलता. शहीद अग्निवीर अक्षय गवाटे के पिता ने उन्हें इसका जवाब दिया है. बताया कि उन्हें अब तक सरकार की ओर से कितनी मदद मिली है.
राहुल गांधी ने सेना में भर्ती की योजना अग्निवीर पर सवाल उठाते हुए कहा, इसमें शामिल कोई युवा अगर शहीद हो जाता है तो उसे शहीद का दर्जा नहीं दिया जाता. इतना ही नहीं, शहीद हुए अग्निवीरों के परिवार को मुआवजा भी नहीं दिया जाता. तब संसद में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने उन्हें टोका और जवाब दिया. राजनाथ सिंह ने कहा कि शहीद अग्निवीर के परिवार को सरकार की ओर से मदद दी जाती है. राहुल गांधी का बयान असत्य है.
अब तक 1 करोड़ 10 लाख का मुआवजा
अब शहीद हुए अग्निवीर अक्षय गवाटे के पिता ने भी राहुल गांधी को जवाब दिया है. महाराष्ट्र के बुलढाणा के रहने वाले अग्निवीर अक्षय गवाटे के पिता ने बताया कि उन्हें सरकार से अब तक 1 करोड़ 10 लाख का मुआवजा मिल चुका है. उन्होंने कहा, पहले 48 लाख रुपये मिले, और फिर 50 लाख रुपये दिए गए. महाराष्ट्र सरकार की ओर से 10 लाख रुपये दिए गए. अक्षय गवाटे दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर में तैनात थे. लेकिन बीते साल अक्टूबर में सियाचिन में तैनात बीस वर्षीय गवाटे हार्ट अटैक के कारण अचानक बीमार हो गए थे और उपचार के दौरान उनका निधन हो गया था.
कितनी मिलती है सहायता राशि
सेना की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, अगर अग्निवीर की ड्यूटी के दौरान मृत्यु होती है तो उन्हें 48 लाख रुपये बीमा के मिलते हैं. इसके अलावा सरकार की ओर से 44 लाख अनुग्रह राशि दी जाती है. परिवार को चार साल तक का पूरा वेतन और सेवा निधि के साथ सेवा निधि कोष में जमा राशि दिया जाता है. इसमें जो पैसा सरकार देती है, वो भी परिवार को मुहैया कराया जाता है.
अगर अग्निवीर की मृत्यु ड्यूटी के दौरान नहीं होती है तो परिवार को 48 लाख का बीमा कवर और सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलता है. वहीं, विकलांग होने की स्थिति में अग्निवीर को विकलांगता के स्तर (100%, 75% या 50%) के आधार पर 44 लाख, 25 लाख या 15 लाख रुपये की अनुग्रह राशि, चार साल तक का पूर्ण वेतन और सेवा निधि, और सेवा निधि कोष में जमा राशि और सरकार का योगदान मिलता है.
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