• img-fluid

    तीन नए आपराधिक कानून आज से पूरे देश में लागू; जानें बदलाव की ये हैं 15 बड़ी बातें

  • July 01, 2024

    नई दिल्‍ली । तीन नए आपराधिक कानून(Three new criminal laws) सोमवार से देशभर में लागू(Applicable nationwide) हो जाएंगे। इससे भारत(India) की आपराधिक न्याय प्रणाली(Criminal justice system) में बड़े बदलाव आएंगे और औपनिवेशिक काल के कानूनों का अंत हो जाएगा भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम ब्रिटिश काल के क्रमश: भारतीय दंड संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। नए कानूनों से आधुनिक न्याय प्रणाली स्थापित होगी जिसमें जीरो FIR, पुलिस में ऑनलाइन शिकायत दर्ज कराना और SMS के जरिए समन भेजने जैसी सुविधा होगी। साथ ही, सभी जघन्य अपराधों के वारदात स्थल की अनिवार्य वीडियोग्राफी जैसे प्रावधान शामिल होंगे।


    आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि इन कानूनों में कुछ मौजूदा सामाजिक वास्तविकताओं और अपराधों से निपटने का प्रयास किया गया है। संविधान में निहित आदर्शों को ध्यान में रखते हुए इनसे प्रभावी रूप से निपटने का तंत्र मुहैया कराया गया है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि नए कानून न्याय मुहैया कराने को प्राथमिकता देंगे, जबकि अंग्रेजों के समय के कानूनों में दंडनीय कार्रवाई को प्राथमिकता दी गई थी। उन्होंने कहा, ‘इन कानूनों को भारतीयों ने, भारतीयों के लिए और भारतीय संसद द्वारा बनाया गया है। यह औपनिवेशिक काल के न्यायिक कानूनों का खात्मा करते हैं।’ चलिए तीन नए आपराधिक कानूनों की 15 बड़ी बातें जानते हैं…

    1. नए कानूनों के तहत आपराधिक मामलों में फैसला मुकदमा पूरा होने के 45 दिन के भीतर आएगा। पहली सुनवाई के 60 दिन के भीतर आरोप तय किए जाएंगे।

    2. दुष्कर्म पीड़िताओं का बयान कोई महिला पुलिस अधिकारी उसके अभिभावक या रिश्तेदार की मौजूदगी में दर्ज करेगी और मेडिकल रिपोर्ट 7 दिन के भीतर देनी होगी।

    3. नए कानूनों में संगठित अपराधों और आतंकवाद के कृत्यों को परिभाषित किया गया है। राजद्रोह की जगह देशद्रोह लाया गया है और सभी तलाशी व जब्ती की कार्रवाई की वीडियोग्राफी कराना अनिवार्य कर दिया गया है।

    4. महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों पर एक नया अध्याय जोड़ा गया है। किसी बच्चे को खरीदना और बेचना जघन्य अपराध बनाया गया है। किसी नाबालिग से सामूहिक दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड या उम्रकैद का प्रावधान जोड़ा गया है।

    5. सूत्रों ने बताया कि ‘ओवरलैप’ धाराओं का आपस में विलय कर दिया गया और उन्हें सरलीकृत किया गया है। भारतीय दंड संहिता की 511 धाराओं के मुकाबले इसमें केवल 358 धाराएं होंगी।

    6. सूत्रों ने बताया कि शादी का झूठा वादा करने, नाबालिग से दुष्कर्म, भीड़ द्वारा पीटकर हत्या करने, झपटमारी आदि मामले दर्ज किए जाते हैं लेकिन मौजूदा भारतीय दंड संहिता में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं थे। भारतीय न्याय संहिता में इनसे निपटने के लिए प्रावधान किए गए हैं।

    7. नए कानूनों के तहत अब कोई भी व्यक्ति पुलिस थाना गए बिना इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यम से घटनाओं की रिपोर्ट दर्ज करा सकता है। इससे मामला दर्ज कराना आसान और तेज हो जाएगा। पुलिस की ओर से त्वरित कार्रवाई की जा सकेगी।

    8. ‘जीरो एफआईआर’ से अब कोई भी व्यक्ति किसी भी पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करा सकता है, भले ही अपराध उसके अधिकार क्षेत्र में नहीं हुआ हो। इससे कानूनी कार्यवाही शुरू करने में होने वाली देरी खत्म होगी और मामला तुरंत दर्ज किया जा सकेगा।

    9. नए कानून में जुड़ा एक दिलचस्प पहलू यह भी है कि गिरफ्तारी की सूरत में व्यक्ति को अपनी पसंद के किसी व्यक्ति को अपनी स्थिति के बारे में सूचित करने का अधिकार दिया गया है। इससे गिरफ्तार व्यक्ति को तुरंत सहयोग मिल सकेगा।

    10. इसके अलावा, गिरफ्तारी विवरण पुलिस थानों और जिला मुख्यालयों में प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाएगा। इससे गिरफ्तार व्यक्ति के परिवार और मित्र महत्वपूर्ण सूचना आसानी से पा सकेंगे।

    11. नए कानूनों में महिलाओं व बच्चों के खिलाफ अपराधों की जांच को प्राथमिकता दी गई है। इससे मामले दर्ज किए जाने के 2 महीने के भीतर जांच पूरी की जाएगी। नए कानूनों के तहत पीड़ितों को 90 दिन के भीतर अपने मामले की प्रगति पर नियमित रूप से जानकारी पाने का अधिकार होगा।

    12. नए कानूनों में महिलाओं व बच्चों के साथ होने वाले अपराध पीड़ितों को सभी अस्पतालों में निशुल्क प्राथमिक उपचार या इलाज मुहैया कराया जाएगा। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि पीड़ित को आवश्यक चिकित्सकीय देखभाल तुरंत मिले।

    13. आरोपी और पीड़ित दोनों को अब प्राथमिकी, पुलिस रिपोर्ट, आरोपपत्र, बयान, स्वीकारोक्ति व अन्य दस्तावेज 14 दिन के भीतर पाने का अधिकार होगा।

    14. अदालतें समय रहते न्याय देने के लिए मामले की सुनवाई में अनावश्यक विलंब से बचने के वास्ते अधिकतम 2 बार मुकदमे की सुनवाई स्थगित कर सकती हैं।

    15. नए कानूनों में सभी राज्य सरकारों के लिए गवाह सुरक्षा योजना लागू करना अनिवार्य है ताकि गवाहों की सुरक्षा व सहयोग सुनिश्चित किया जाए और कानूनी प्रक्रियाओं की विश्वसनीयता व प्रभाव बढ़ाया जाए।

    Share:

    British PM ऋषि सुनक ने नस्लीय टिप्पणी पर जताया दुख, बोले- ये रिफॉर्म यूके पार्टी की विचारधारा

    Mon Jul 1 , 2024
    लंदन (London)। ब्रिटिश प्रधानमंत्री ऋषि सुनक (British Prime Minister Rishi Sunak) ने निगेल फरेज (Nigel Farage) की दक्षिणपंथी रिफॉर्म यूके पार्टी (Right-wing Reform UK Party) के एक समर्थक की तरफ से उन पर किए गए नस्लीय टिप्पणी (racial slurs) के बाद गुस्सा जाहिर किया है। दरअसल एक समाचार चैनल ने रिफॉर्म यूके पार्टी एक समर्थक […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    सोमवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved