नई दिल्ली (New Delhi)। हरित ऊर्जा (Green Energy) को बढ़ावा देने और कार्बन उत्सर्जन (Carbon Emission) कम करने के लिए विश्व बैंक (World Bank) ने भारत (India) को 150 करोड़ डॉलर (provide 150 million USD) की मदद को मंजूरी दी है। इससे भारत को नवीकरणीय ऊर्जा (Renewable energy) को बढ़ावा देन में मदद मिलेगी।
विश्व बैंक (World Bank) ने शनिवार को बताया कि निम्न-कार्बन ऊर्जा कार्यक्रम विकास नीति के तहत वित्तपोषण प्रोत्साहन का यह दूसरा चरण है। इससे पहले पिछले साल जून में भी विश्व बैंक ने भारत को 150 करोड़ डॉलर की मंजूरी दी थी। इस मदद से देश में प्रति वर्ष 450,000 मीट्रिक टन ग्रीन हाइड्रोजन और 1,500 मेगावाट इलेक्ट्रोलाइजर के उत्पादन की उम्मीद है। यह अक्षय ऊर्जा क्षमता को बढ़ाने और प्रति वर्ष 50 मिलियन टन उत्सर्जन में कमी लाने में भी मदद करेगा। विश्व बैंक ने कहा, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और आबादी वाले देश भारत का कम कार्बन वाली, लचीली अर्थव्यवस्था में बदलाव घरेलू और वैश्विक दोनों ही स्तरों पर अहम है।
जारी रहेगा भारत की विकास रणनीति का समर्थन : कौमे
विश्व बैंक के कंट्री डायरेक्टर ऑगस्टे तानो कौमे ने कहा कि विश्व बैंक भारत की कम कार्बन विकास रणनीति का समर्थन जारी रखेगा, जिससे देश के शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य को हासिल करने में भी मदद मिलेगी। इसके साथ ही निजी क्षेत्र में स्वच्छ ऊर्जा से जुड़ी नौकरियाें को बढ़ावा मिलेगा। असल में पहले और दूसरे दोनों ही चरण में ग्रीन हाइड्रोजन और नवीकरणीय ऊर्जा में निजी निवेश को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है।
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