उज्जैन। पुलिस विभाग का करोड़ों रुपए का बजट है लेकिन जरूरी काम नहीं हो रहे हैं। शहर के बीच कोतवाली थाना कोठी पैलेस जैसा हो गया है और आए दिन इसके प्लास्टर गिरते रहते हैं जिससे पुलिसकर्मियों को डर भी लगता है। कुछ अन्य थाना भवन में भी यही स्थिति है। पूर्व में भी छज्जा गिरने की घटना हो चुकी है।
उल्लेखनीय है कि जिले के शहरी और देहात क्षेत्रों में कुल 32 पुलिस थाने है। शहरी क्षेत्र के 13 थानों में आधे थाने ऐसे हैं, जो वर्षों पुराने भवनों में संचालित हो रहे हैं। इनमें से कुछ थाने ऐसे हैं जो बेहद जर्जर हो चुके हैं। साथ ही उनमें जगह की भी कमी है। कई थानों में तो स्थान अभाव के कारण अमले को ठीक से बैठने की जगह भी नहीं है। इसके चलते ऐसे थानों में स्टाफ का बैठना तक मुश्किल हो रहा है। इन थानों में बरसात के दौर में पानी टपकता रहता हैं। जिससे कागजात एवं महत्वपूर्ण फाइलें खराब होने का अंदेशा बना रहता हैं। स्टाफ को बैठने की कमी की समस्या से शहरी क्षेत्र के नानाखेड़ा थाना, देवासगेट एवं महिला पुलिस थाना के भी यही हाल हैं।
नानाखेड़ा में बैठने की जगह नहीं
शहर के नानाखेड़ा थाने में स्थान के अभाव के कारण स्टाफ ने बैठने का टाइम टेबल तक बना लिया हैं। सभी अपने-अपने समय में थाने में उपस्थिति दे रहे हैं। थाने में इतनी भी जगह नहीं कि एक साथ पूरा स्टाफ बैठ सके।